
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रूस का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल द फर्स्ट-कॉल (Order of St Andrew the Apostle the First-Called) मिला। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पीएम मोदी के गले में सम्मान पहनाया।
रूस ने नरेंद्र मोदी को यह सम्मान भारत-रूस साझेदारी और दोस्ती को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों के लिए दिया है। सम्मान प्राप्त करने के बाद नरेंद्र मोदी ने पुतिन और रूस को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है। यह भारत और रूस की सदियों पुरानी दोस्ती का प्रतीक है।
नरेंद्र मोदी ने कहा-महत्वपूर्ण है भारत-रूस साझेदारी
नरेंद्र मोदी ने कहा, "राष्ट्रपति पुतिन के नेतृत्व में पिछले 25 वर्षों में भारत-रूस संबंध मजबूत हुए हैं। हमें भारत और रूस के लोगों के बेहतर भविष्य के लिए इसे और आगे ले जाना है। दोनों देशों के लोगों के बीच साझेदारी को और अधिक बढ़ावा देने की जरूरत है। भारत-रूस साझेदारी महत्वपूर्ण है। हमारा मानना है कि शांति और स्थिरता के लिए हमें निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। हम इस दिशा में निरंतर काम करेंगे।"
1698 में हुई थी ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल द फर्स्ट-कॉल्ड की स्थापना
गौरतलब है कि ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल द फर्स्ट-कॉल्ड की स्थापना 1698 में जार पीटर द ग्रेट ने की थी। इसे यीशु के प्रथम प्रेषित और रूस के संरक्षक संत सेंट एंड्रयू के सम्मान में शुरू किया गया था। यह रूस का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है। यह सबसे बेहतर का करने के लिए दिया जाता है।
पीएम मोदी को सेंट एंड्रयू के भव्य हॉल ऑफ द ऑर्डर में सम्मानित किया गया। रूस में जब जार का राज था तब इस हॉल में वर्तमान सम्राट का सिंहासन होता था। हाल ही में इसका उपयोग रूसी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह के लिए किया गया है।
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