स्वीडन में कुरान जलाने (Sweden Quran Burning) को लेकर नाटो प्रमुख जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा है कि यह "अभिव्यक्ति की आजादी का हिस्सा" है। वह असहमत होने के अधिकार की रक्षा करते हैं।
वाशिंगटन। स्वीडन में कुरान जलाने (Sweden Quran Burning) को लेकर नाटो प्रमुख जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा है कि यह "अभिव्यक्ति की आजादी का हिस्सा" है। स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि कुरान जलाना आक्रामक और आपत्तिजनक था, लेकिन यह गैर कानूनी नहीं है। हमने देखा है कि स्वीडन में तुर्किए और नाटो के खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं। मैं इसे पसंद नहीं करता, लेकिन मैं असहमत होने के अधिकार की रक्षा करता हूं। यह "अभिव्यक्ति की आजादी का हिस्सा" है। दूसरी ओर अमेरिका ने स्वीडन में कुरान जलाने की निंदा की है।
मस्जिद के बाहर जलाई गई थी कुरान की प्रति
दरअसल, बुधवार को स्वीडन में रहने वाले इराकी सलवान मोमिका ने स्टॉकहोम की केंद्रीय मस्जिद के बाहर इस्लाम की पवित्र पुस्तक कुरान की एक प्रति में आग लगा दी थी। स्वीडिश पुलिस ने बोलने की आजादी के कानूनों के अनुसार मोमिका को विरोध प्रदर्शन की अनुमति दी थी। मोमिका द्वारा कुरान जलाने के बाद पुलिस ने कहा कि यह नफरत फैलाने वाली घटना है। इसकी जांच की जा रही है।
स्वीडन के खिलाफ मुस्लिम देशों में हो रहे विरोध प्रदर्शन
इसके बाद से स्वीडन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। मुस्लिम देशों में स्वीडन के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर रहे हैं। स्वीडन के दूतावास के बाहर उग्र विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। कुरान जलाने की कई मुस्लिम बहुल देशों ने निंदा की है। इस घटना से नाटो के सदस्य तुर्किए सहित अन्य मुस्लिम-बहुल देशों में गुस्सा है। नाटो इसपर विचार कर रहा है कि स्वीडन को सदस्यता दी जाए या नहीं। तुर्किए ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बहाने इस तरह के इस्लाम विरोधी कार्यों को अनुमति देना अस्वीकार्य है। तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने कहा, "हम अहंकारी पश्चिमी लोगों को सिखाएंगे कि मुसलमानों का अपमान करना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है।"