Nepal Floods | Death toll rises to 112 : नेपाल में बाढ़ का कहर जारी है। भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से भारी तबाही हुई है। सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और सैकड़ों लोग बाढ़ में लापता हैं। नेपाल सशस्त्र पुलिस बल और नेपाल पुलिस द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मौजूदा बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 112 हो गई है। ये मौतें पिछले 24 घंटों में हुई हैं। बाढ़ में कई लोग लापता हैं और सैकड़ों घायल हुए हैं। ऐसे में मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है। पूर्वी और मध्य नेपाल के कई इलाके शुक्रवार से भारी बारिश के कारण जलमग्न हैं।
बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक शनिवार को 64 लोग लापता हो गए। सशस्त्र पुलिस बल के सूत्रों ने बताया कि 45 लोग घायल हुए हैं। काठमांडू घाटी में सबसे ज्यादा 48 मौतें हुई हैं। 195 घर और 8 पुल तबाह हो गए हैं। सुरक्षाकर्मियों ने करीब 3,100 लोगों को बचाया है। नेपाल के कई इलाकों में गुरुवार से हो रही बारिश के कारण जलभराव की स्थिति बनी हुई है, जिससे आपदा अधिकारियों ने अचानक बाढ़ आने की चेतावनी दी है। देश के कई हिस्सों में अभी भी हाई अलर्ट जारी है।
नेपाल पुलिस के उप प्रवक्ता बिश्व ने शनिवार को बताया कि हिमालयी देश में लगातार हो रही बारिश के कारण जान गंवाने वालों में 34 लोगों की मौत काठमांडू घाटी में हुई है। बाढ़ में 60 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। काठमांडू घाटी में शनिवार को 79 लोग लापता हो गए। दूसरी ओर, राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए कार्यवाहक प्रधानमंत्री और शहरी विकास मंत्री प्रकाश मान सिंह होम मंत्री, गृह सचिव, सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों सहित कई मंत्रियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की। नेपाल सरकार ने देश भर के सभी स्कूलों को तीन दिनों के लिए बंद रखने और फिलहाल चल रही सभी परीक्षाओं को स्थगित करने का आदेश दिया है।
बाढ़ के कारण मुख्य ट्रांसमिशन लाइन बाधित होने से काठमांडू में दिन भर बिजली गुल रही। हालांकि, शाम को कुछ इलाकों में बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई। बारिश के कारण भूस्खलन से काठमांडू आने वाले सभी रास्ते भी बंद हो गए हैं। पुलिस ने बताया कि काठमांडू में 226 घरों में पानी भर गया है और प्रभावित इलाकों में नेपाल पुलिस ने करीब 3,000 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया है।
काठमांडू में शनिवार को 54 साल का रिकॉर्ड टूटते हुए 323 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। बंगाल की खाड़ी से आए जल वाष्प और कम दबाव वाले क्षेत्र के प्रभाव के कारण नेपाल में गुरुवार शाम से भारी बारिश हो रही है, जिससे देश भर में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण और प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीआरआरएमए) ने बारिश के कारण आपदा आने की आशंका जताते हुए 77 जिलों में से 56 जिलों के लिए चेतावनी जारी की है।
दुनिया की दस सबसे ऊंची चोटियों में से नौ का घर नेपाल इस साल पहले ही औसत से ज्यादा बारिश दर्ज कर चुका है। कुल 1.8 मिलियन लोग प्रभावित हुए हैं। एनडीआरआरएमए ने अनुमान लगाया है कि मानसून संबंधी आपदाओं से 412,000 परिवार प्रभावित होंगे। हिमालयी देश में मानसून का मौसम आमतौर पर 13 जून को शुरू होता है और सितंबर के अंत में समाप्त होता है, लेकिन अब इसके अक्टूबर के अंत तक रहने की उम्मीद है। इस साल सामान्य शुरुआत की तारीख से तीन दिन पहले 10 जून को दक्षिण से मानसून पश्चिमी क्षेत्र से नेपाल में प्रवेश कर गया था। पिछले साल 14 जून को सामान्य मानसून की शुरुआत के अगले ही दिन मानसून शुरू हो गया था।
देश में कुल वार्षिक वर्षा का 80 प्रतिशत प्रदान करने वाला मानसून का मौसम आमतौर पर 105 दिनों का होता है। लेकिन, हाल के वर्षों में इसे खत्म होने में ज्यादा समय लग रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, 10 जून को मानसून के आगमन के बाद से शुक्रवार सुबह तक देश में 1,586.3 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। आमतौर पर देश में जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर महीनों में औसतन 1,472 मिलीमीटर बारिश दर्ज की जाती है। पिछले साल इसी मौसम में सिर्फ 1,303 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी।