ट्रंप ने अमेरिका इलेक्शन 2024 में जीत दर्ज की है। PM मोदी के साथ उनके बेहतर रिश्ते हैं। हालांकि बीते 30 सालों में अमेरिका 4 राष्ट्रपति हैं, जिन्होंने भारत के रिश्ता मजबूत किया है।
क्लिंटन के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका-भारत संबंधों में गर्माहट आई। साल 2000 में भारत की ऐतिहासिक यात्रा की, जो 22 वर्षों में किसी अमेरिकी राष्ट्रपति की पहली भारत यात्रा थी1
1998 के परमाणु परीक्षणों के बाद बिल क्लिंटने भारत पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटाने का काम किया । उन्होंने भारत-अमेरिका संबंधों के साथ साइंस, टेक्नालॉजी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाया।
क्लिंटन के बाद जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने भी भारत के साथ रिश्ते बेहतर करने के लिए अभूतपूर्व कदम उठाए, उन्होंने ऐतिहासिक यू.एस.-भारत असैन्य परमाणु समझौते को आगे बढ़ाया।
जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने अमेरिक की विदेश नीति में भारत को महत्व देना शुरु किया । दोनों देशों को करीब लाने में बुश ने सैन्य सहयोग और economic exchange को बढ़ावा दिया।
ओबामा ने व्हाइट हाउस में दिवाली मनाकर भारतीयों को खुश कर दिया। वे दो बार भारत की यात्रा पर आए।
बराक ओबाम ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ( united nations security council) की स्थायी सीट के लिए भारत की दावेदारी को दमदार तरीके से सपोर्ट किया।
भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान2 के साथ क्वाड बनाकर चीन को घेरने की रणनीति डोनाल्ड ट्रंप ने ही बनाई थी।मोदी के साथ क्लोज फ्रेंडशिप करके भारत के साथ रिश्तों को मजबूत किया।
डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को दी जाने वाली मदद को सस्पेंड कर दिया, इससे इस मुस्लिम देश की कमर ही टूट गई। ट्रंप ने मसूद अज़हर को ग्लोबल टेरेरिस्ट घोषित करवाया।
कमला हैरिस और जो बिडेन ने भारत के साथ अमेरिका के रिश्तों को मजबूत करना जारी रखा। उन्होंने अपने कार्यकाल के शुरुआती दो महीनों में ही क्वाड लीडर के बीच रिश्तों को मजबूत किया ।
जो बाइडेन ने क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी (iCET)2 के लिए पहल शुरू की। एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग, स्पेस और defense technologies में सहयोग बढ़ाया है।