नेपाल सरकार ने भारत के सहयोग से बौद्ध यूनिवर्सिटी स्थापित करने से किया इनकार, ओली ने लगाया था चीन के साथ विश्वासघात करने का आरोप

नेपाल सरकार ने साफ कहा कि तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर) के करीब एक बौद्ध विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए कोई अनुमति नहीं दी गई है।

Dheerendra Gopal | Published : Mar 6, 2023 12:12 PM IST / Updated: Mar 06 2023, 05:43 PM IST

Buddhist University in Mustang: नेपाल सरकार ने पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली के मुस्तांग जिले में भारतीय सहायता से बौद्ध विश्वविद्यालय की स्थापना के आरोपों को खारिज किया है। सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि भारत के सहयोग या अनुदान से किसी भी विश्वविद्यालय की अनुमति नहीं दी गई है। पूर्व पीएम ओली द्वारा लगाए गए सारे आरोप झूठे हैं। नेपाल सरकार ने साफ कहा कि तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर) के करीब एक बौद्ध विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए कोई अनुमति नहीं दी गई है।

पूर्व प्रधानमंत्री ने दावा करके भ्रम पैदा करने की कोशिश की...

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कम्यूनिकेशन एंड आईटी मिनिस्टर रेखा शर्मा ने कहा कि नेपाल सरकार द्वारा मुस्तांग के बारागंग मुक्तिक्षेत्र ग्राम परिषद में एक विश्वविद्यालय को अनुमति देने का दावा भ्रमपूर्ण है। नेपाल सरकार ने ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है।

खंपा विद्रोही के क्षेत्र में विवि को लेकर मचा है नेपाल में राजनीतिक बवाल

पूर्व प्रधानमंत्री और सीपीएन-यूएमएल (कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल- यूनिफाइड मार्क्सिस्ट लेनिनिस्ट) के अध्यक्ष ओली ने शनिवार को दावा किया कि सरकार भारत को एक बौद्ध विश्वविद्यालय स्थापित करने की अनुमति देने की योजना बना रही है जहां 20वीं सदी में खंपा विद्रोही तिब्बत से भागकर बस गए थे। पूर्व प्रधानमंत्री ने दावा किया कि देश को विदेशियों के खेल के मैदान में बदलने के लिए, सरकार भारत को मस्टैंग में एक बौद्ध कॉलेज खोलने की अनुमति दे रही है। यह योजना देश की संप्रभुता पर हमला है। आलोचना करते हुए पूर्व पीएम ओली ने हिमालयी क्षेत्र में बौद्ध कॉलेज खोलने के भारत के प्रस्ताव को स्वीकार करके चीन के साथ विश्वासघात करने का भी आरोप लगाया।

मीडिया रिपोर्ट्स में भारत के विवि खोलने का दावा

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार द्वारा नेपाल में विवि खोलने का दावा किया गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार भारत सरकार ने अपर मस्टैंग के प्रतिबंधित क्षेत्र में बौद्ध कॉलेज स्थापित करने के लिए 700 मिलियन से अधिक खर्च करने की योजना बनाई है। दरअसल, बरहा गांव मुक्ति क्षेत्र ग्रामीण नगर पालिका ने प्रतिबंधित क्षेत्र में बौद्ध विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए धन के लिए काठमांडू में भारतीय दूतावास के माध्यम से भारत सरकार को अनुरोध भेजा था। मस्तंग शाक्य बुद्ध संघ ने कॉलेज खोलने की पहल की थी। इसके लिए जमीन की व्यवस्था की और फिर नेपाल सरकार के माध्यम से भारतीय पक्ष से अनुरोध किया।

ओली ने कहा-चीन के साथ विश्वासघात होगा...

पूर्व पीएम ओली ने आरोप लगाया कि विदेशियों को रिझाने के लिए मस्टैंग में एक बौद्ध कॉलेज की स्थापना करना हमारी राष्ट्रीयता पर हमला है। विवि स्थापना चीन के साथ विश्वासघात है, जो हमारा मित्र राष्ट्र है। उन्होंने 1970 के दशक की शुरुआत में जिले में तिब्बती विद्रोह की याद दिलाने वाले मस्टैंग में बौद्ध कॉलेज स्थापित करने की योजना का दावा करने वाले प्रधान मंत्री की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि गे वांगडी उस समय खंपा विद्रोह के खंपा नेता थे। खम्पा मारफा गांव के पास तैनात थे। अब लो मंथांग में एक बौद्ध कॉलेज स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है, जो अपर मस्टैंग का हिस्सा है, जहां कोई नहीं रहता है।

दरअसल, कुछ तिब्बतियों द्वारा नेपाली धरती से चीन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई किए जाने के बाद नेपाल सरकार ने 1974 में शांतिपूर्वक खम्पाओं को निरस्त्र कर दिया और उन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में बसा दिया।

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