नेपाल में केपी शर्मा ओली को सुप्रीम झटका, दो दिनों में शेर बहादुर देउबा को पीएम नियुक्त करने का आदेश

राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने पीएम केपी शर्मा ओली की सिफारिश पर 22 मई को 275 सदस्यीय निचला सदन भंग कर दिया था। पांच महीने में दूसरी बार सदन को भंग करके राष्ट्रपति ने 12 और 19 नवम्बर को मध्यावधि चुनाव की घोषणा की थी। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 12, 2021 10:34 AM IST / Updated: Jul 12 2021, 04:08 PM IST

काठमांडू। नेपाल में राजनीतिक उठापटक खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा को दो दिन में प्रधानमंत्री नियुक्त करने का आदेश दिया है। भंग प्रतिनिधि सभा एक बार फिर से बहाल कर दिया गया है। वर्तमान प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को बड़ा झटका लगा है और यह पांच महीने में दूसरी बार है कि प्रतिनिधि सभा को बहाल कर दिया गया है। 

सुप्रीम कोर्ट में चल रही थी कार्रवाई 

नेपाल के सुप्रीम कोर्ट में प्रतिनिधि सभा भंग किए जाने संबंधित सुनवाई चल रही थी। मुख्य न्यायाधीश चोलेंद्र शमशेर राणा की अगुवाई में पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने पिछले सप्ताह की सुनवाई पूरी की थी। इस पीठ में सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जज दीपक कुमार कार्की, मीरा खडका, ईश्वर प्रसाद खातीवाड़ा, डॉ.आनंद मोहन भट्टराई शामिल थे। 

22 मई को निचला सदन भंग कर दिया गया था

राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने पीएम केपी शर्मा ओली की सिफारिश पर 22 मई को 275 सदस्यीय निचला सदन भंग कर दिया था। पांच महीने में दूसरी बार सदन को भंग करके राष्ट्रपति ने 12 और 19 नवम्बर को मध्यावधि चुनाव की घोषणा की थी। इसके पहले भी 23 फरवरी को भंग प्रतिनिधि सभा को सुप्रीम कोर्ट ने बहाल किया था। सदन भंग करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में नेपाली कांग्रेस सहित विभिन्न संगठनों द्वारा 30 से अधिक याचिकाएं दायर की गई थी। 

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