बेलारूस के मानवाधिकार कार्यकर्ता और रूस-यूक्रेन के ह्यूमन राइट्स संगठनों को मिला शांति का नोबेल पुरस्कार

शांति के नोबेल पुरस्कार 2022 की घोषणा कर दी गई है। नोबेल समिति ने बेलारूस के मानवाधिकार एडवोकेट एलेस बियालियात्स्की सहित रूसी मानवाधिकार संगठन मेमोरियल और यूक्रेन के मानवाधिकार संगठन सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज को नोबेल पीस पुरस्कार से सम्मानित किया है।
 

Manoj Kumar | Published : Oct 7, 2022 9:41 AM IST / Updated: Oct 07 2022, 03:26 PM IST

Nobel Prize For Peace 2022. शांति के नोबेल पुरस्कार 2022 की घोषणा कर दी गई है। नोबेल समिति ने बेलारूस के मानवाधिकार एडवोकेट एलेस बियालियात्स्की सहित रूसी मानवाधिकार संगठन मेमोरियल और यूक्रेन के मानवाधिकार संगठन सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज को नोबेल पीस पुरस्कार से सम्मानित किया है।

कौन हैं Ales Bialiatski
2022 के लिए शांति का नोबेल पुरस्कार पाने वाले एलेस बियालियात्स्की बेलारूस के ह्यूमन राइट्स एडवोकेट हैं। वे 1980 के दशक में बेलारूस में लोकतंत्र आंदोलन की शुरूआत करने वालों में शामिल रहे हैं। एलेस का पूरा जीवन देश में लोकतंत्र की स्थापना और शांति विकास को बढ़ावा देने के लिए समर्पित रहा है। एलेस ने 1996 में व्यास्ना नामक संगठन की भी स्थापना की थी। यह संगठन राजनैतिक कैदियों पर होने वाले अत्याचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाला मानवाधिकार संगठन है। 

क्या है संगठन मेमोरियल 
रूस का मानवाधिकार संगठन मेमोरियल का अस्तित्व 1987 में सामने आया था। यह संगठन पूर्व सोवियत संघ के मानवाधिकार एक्टीविस्ट्स द्वारा शुरू किया गया था। इस संगठन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि कम्युनिस्ट शासन के दौरान उत्पीड़न का शिकार हुए लोगों को याद रखा जाए। चेचन युद्ध के दौरान इस संगठन ने मानवाधिकारों के उल्लंघन की बातें पूरी दुनिया तक पहुंचाने का काम किया था।

यूक्रेन का सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज
युद्धग्रस्त देश यूक्रेन में मानवाधिकारों की रक्षा करने के लिए सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज नामक इस संगठन की स्थापनी की गई थी। संगठन ने यूक्रेन की सिविल सोसायटी को मजबूत करने का काम किया। साथ ही यूक्रेन को पूर्ण लोकतंत्र बनाने की भी पुरजोर पैरवी की। संगठन ने फरवरी 2022 में  निडरता से वह दस्तावेज तैयार किया जिसमें यूक्रेन के खिलाफ रूसी युद्ध अपराधों को शामिल किया गया है।

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