
नई दिल्ली। बाल्टिक सागर के रास्ते रूस से यूरोप को गैस की आपूर्ति करने वाली दो नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइनों (Nord Stream pipelines) से बड़े पैमाने पर रिसाव को लेकर आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं। यूरोप के देशों के नेताओं ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर आरोप लगाया है कि वे प्राकृतिक गैस की आपूर्ति को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं।
दूसरी ओर पुतिन ने आरोप लगाया है कि पश्चिमी देश रूसी पाइपलाइनों को उड़ाने की कोशिश में शामिल हैं। कुछ दिनों पहले नॉर्वे ने घोषणा की थी कि उसे अपने तेल और गैस प्लेटफार्मों के आसपास समुद्र में गश्त करने के लिए यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी और फ्रांस से मदद मिलेगी। नॉर्वे ने लगभग 30 प्रतिशत गैस की मांग की आपूर्ति करने के लिए ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि की है। नॉर्वे अब यूरोप को गैस आपूर्ति का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत बन गया है।
एशियानेट न्यूज ने यूरोप में ऊर्जा की स्थिति को समझने के लिए मनोहर पर्रिकर-आईडीएसए के यूरोप और यूरेशिया केंद्र में एसोसिएट फेलो डॉ स्वस्ति राव से बात की। डॉ स्वस्ति राव ने कहा कि यूरोप पहले से ही बड़े ऊर्जा संकट से गुजर रहा है। पुतिन ने पहले ही नॉर्ड स्ट्रीम से गैस की आपूर्ति काट दी है। इससे पता चलता है कि वह ऊर्जा को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइनों को किसने तोड़ा यह तो समय बताएगा।
डॉ राव ने कहा कि हमें नॉर्ड स्ट्रीम 1 और 2 में चार लीकेज की जानकारी मिली है। इस घटना ने दिखाया है कि यूरोप के लिए जरूरी महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे कितने जोखिम में हैं। नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन में विस्फोट के बाद यूरोप के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के खतरे में पड़ने की संभावना है। यह माना जाता है कि रूस ने विस्फोटों की योजना बनाई है, लेकिन इस बारे में और भी बहुत सी बातें की जा रही हैं। यह निश्चित है कि पाइपलाइनों में तोड़फोड़ की गई, लेकिन यह रूस ने किया या किसी और ने, यह तो समय ही बताएगा।
पाइपलाइनों की सुरक्षा के लिए सेना तैनात
डॉ स्वस्ति ने कहा कि नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइनों में रिसाव का असर यूरोप के देशों पर पड़ा है। कई देशों ने पाइपलाइनों की सुरक्षा के उपाय करना शुरू कर दिया है। नॉर्वे में दो प्रमुख पाइपलाइन हैं जो यूनाइटेड किंगडम से जुड़ी हुई हैं। इसने पाइपलाइनों की सुरक्षा के लिए सेना तैनात कर दिया है।
उन्होंने कहा कि यूरोप पहले से ही ऊर्जा सुरक्षा और चुनौतियों के संबंध में एक बड़े परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। रूस यूक्रेन जंग से पहले यूरोप के देशों को उम्मीद नहीं थी कि ऊर्जा को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइनों पर हमले के बाद अब दूसरी पाइपलाइनों पर भी हमले का खतरा बढ़ गया है। ब्रिटेन में नॉर्वे के करीब पानी में दर्जनों पाइपलाइनें हैं। यूक्रेन को सैन्य सहायता और अन्य सहायता देने में ब्रिटेन का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
डॉ स्वस्ति ने कहा कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने पहले ही जर्मनी को नॉर्ड स्ट्रीम पर हमले की चेतावनी दी थी। जर्मनी अब कह रहा है कि जो कुछ भी हमने पहले सोचा था वह अकल्पनीय था। हमें खुद को तैयार करना चाहिए। मॉस्को से आने वाले खतरों की कोई सीमा नहीं है।
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पर्यावरण पर होगा असर
स्वस्ति ने कहा कि नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन लीक के वैश्विक प्रभाव हो सकते हैं। इन पाइपलाइनों में प्राकृतिक गैस होती है। इस प्राकृतिक गैस का मुख्य घटक मीथेन है। मीथेन का रिसाव बहुत अधिक खतरनाक है। इससे डेनमार्क और आइसलैंड जैसे देशों पर असर पड़ेगा। ये देश ग्रीन एनर्जी का इस्तेमाल करने और जलवायु संबंधी टेक्नोलॉजी में बहुत आगे हैं। दो पाइपलाइनों से हर घंटे 500 मीट्रिक टन से अधिक गैस के रिसाव होने का अनुमान है। इससे जलवायु परिवर्तन को लेकर बड़ा प्रभाव होगा।
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