सार
शरीर क्रिया विज्ञान या मेडिसिन में स्वांते पाबो को नोबेल पुरस्कार मिला है। उन्हें निएंडरथल जीनोम पर काम करने के चलते नोबेल पुरस्कार दिया गया है। निएंडरथल वर्तमान मनुष्यों के विलुप्त रिश्तेदार हैं।
नई दिल्ली। स्वांते पाबो को शरीर क्रिया विज्ञान या मेडिसिन में 2022 का नोबेल अवार्ड मिला है। स्वांते जेनेटिस्ट हैं। वह विकासवादी जेनेटिक्स के क्षेत्र में स्पेशलिस्ट हैं। उन्हें निएंडरथल जीनोम पर काम करने के चलते नोबेल पुरस्कार दिया गया है।
स्वांते पाबो ने विलुप्त होमिनिन और मानव विकास के जीनोम से संबंधित खोजों के लिए नोबेल पुरस्कार जीता है। पाबो ने निएंडरथल के जीनोम की सिक्वेंसिंग की। निएंडरथल वर्तमान मनुष्यों के विलुप्त रिश्तेदार हैं। उन्होंने पहले अज्ञात होमिनिन और डेनिसोवा की भी खोज की थी।
अपनी खोज के दौरान पाबो ने यह भी पाया कि लगभग 70,000 साल पहले अफ्रीका से प्रवास के बाद इन विलुप्त होमिनिनों से होमो सेपियंस में जीन ट्रांस्फर हुआ था। होमिनिनों के जिन आज के इंसानों में हैं। पाबो मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर इवोल्यूशनरी एंथ्रोपोलॉजी के निदेशक हैं। पिछले साल मेडिसिन का नोबेल पुरस्कार डेविड जूलियस और अर्देम पटापाउटियन को संयुक्त रूप से दिया गया था। दोनों को तापमान और स्पर्श के लिए रिसेप्टर्स की उनकी खोजों के लिए सम्मानित किया गया था।
यह भी पढ़ें- इस वजह से चीन पर भड़का तालिबान, वादे से मुकरने को लेकर ड्रैगन को सुनाई खरी-खोटी
1901 से 2021 तक मेडिसिन में दिए गए 112 नोबेल पुरस्कार
गौरतलब है कि 1901 से 2021 के बीच फिजियोलॉजी या मेडिसिन में 112 नोबेल पुरस्कार दिए गए हैं। नोबेल पुरस्कार जीतने वालों में सिर्फ 12 महिलाएं हैं। नोबेल पुरस्कार दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार है। इसमें विजेता को एक स्वर्ण पदक और 10 मिलियन स्वीडिश क्रोनर ($ 1.14 मिलियन डॉलर से अधिक) दिया जाता है। पुरस्कार राशि पुरस्कार के निर्माता स्वीडिश आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल द्वारा छोड़ी गई वसीयत से आती है। अल्फ्रेड नोबेल की मृत्यु 1895 में हुई थी। अन्य पुरस्कार भौतिकी, रसायन विज्ञान, साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए हैं। इनकी घोषणा आने वाले दिनों में एक सप्ताह के दौरान की जाएगी।
यह भी पढ़ें- हिजाब के खिलाफ हिंसक क्रांति: महिलाओं पर कहर, 17 साल की लड़की की नाक काटकर हत्या