OMG: दुनिया के सबसे बड़े मैंग्रोव फॉरेस्ट का यह हाल, कोई नहीं जानता कितने बाघों की इस तरह खालें खींच ली गईं

यह तस्वीर बेहद चिंताजनक है। यह कहानी सुंदरबन की है। यहां के शिकारियों का एक ही टार्गेट होता है,बाघों को मारना। जब तक सभी शिकारी पकड़े नहीं जाते, तब तक कोई नहीं जानता कि बांग्लादेश और भारत की सीमा से लगे दुनिया के सबसे बड़े मैंग्रोव जंगल में कितने बाघ मारे जाते हैं। 

ढाका. ये तस्वीर बेहद चिंताजनक है। यह कहानी सुंदरबन की है। यहां के शिकारियों(hunters) का एक ही टार्गेट होता है,बाघों(kill tigers) को मारना। जब तक सभी शिकारी पकड़े नहीं जाते, तब तक कोई नहीं जानता कि बांग्लादेश और भारत की सीमा से लगे दुनिया के सबसे बड़े मैंग्रोव जंगल(world's largest mangrove forest) में कितने बाघ मारे जाते हैं। पढ़िए पूरी कहानी...


बांग्लादेश के मीडिया ढाका ट्रिब्यून ने इस बारे में एक रिपोर्ट पब्लिश की है। बाघों को मारने के बाद शिकारी और व्यापारी छिपकर इनकी खाल और शरीर के अंगों की तस्करी करके देश से बाहर ले जाते हैं। ज्यादातर मामलों में कानून प्रवर्तन एजेंसियां( law enforcement agencies) अपराधियों को खोजने में विफल रहती हैं। जो शिकारी और अन्य अपराधी पकड़े भी जाते हैं, तो उचित सबूत की कमी के कारण उन्हें रिहा करना पड़ता है।

Latest Videos

बांग्लादेश के वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक, पिछले 21 सालों में सुंदरबन के पूर्वी हिस्से में बाघों को मारने के आरोप में 59 लोगों के खिलाफ कुल 13 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से केवल नौ को ही पकड़ा जा सका है। अब तक सिर्फ छह मामलों की सुनवाई पूरी हो सकी है। तीन मामलों में वन विभाग के साक्ष्य(evidence) पेश करने में असमर्थता के कारण सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया गया। वहीं, तीन अन्य मामलों में कुल सात आरोपियों को छह महीने से लेकर साढ़े चार साल तक की जेल की सजा मिली है। वन विभाग ने कहा कि वर्तमान में सात मामले कोर्ट में पेंडिंग हैं।


सुंदरबन का क्षेत्रफल 6,017 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें 4,143 वर्ग किलोमीटर का भूमि क्षेत्र शामिल है। सुंदरबन का आधे से ज्यादा हिस्सा आरक्षित वन क्षेत्र है, जहां बाघ खुलेआम विचरण करते हैं। दुर्भाग्य से, चमड़े के व्यापारियों द्वारा शिकार और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों ने जानवरों के जीवन को बड़े जोखिम में डाल दिया है।

2017-2018 वित्तीय वर्ष में, कैमरा ट्रैपिंग सिस्टम के माध्यम से मैंग्रोव वन के बांग्लादेश हिस्से में बाघों की संख्या 114 पाई गई। वन विभाग का कहना है कि जल्द ही बाघों की गिनती शुरू कर उनकी नई संख्या तय की जाएगी।

वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 2001 से 2022 के बीच कुल 28 बाघ या तो मर चुके हैं या मारे गए हैं। इन मृत बाघों में 14 शिकारियों द्वारा मारे गए, पांच की मौत भीड़ की पिटाई से, एक की मौत चक्रवात सिद्र(cyclone Sidr) में और आठ की मौत स्वाभाविक रूप से हुई। यह संख्या वन विभाग, आरएबी(Rapid Action Battalion) और पुलिस द्वारा शिकारियों के खिलाफ संयुक्त या अलग-अलग अभियान पर आधारित हैं। इन अभियानों के दौरान, बाघों की खाल, हड्डियां और शरीर के अन्य अंग बरामद किए गए थे और दुर्लभ मामलों में जंगल के अंदर मृत बाघों के शव पाए गए थे।


बाघों की आठ उप-प्रजातियों( subspecies of tigers) में से तीन विलुप्त हो चुकी हैं और 5 प्रतिकूल परिस्थितियों में जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रही हैं। सरकार की विशेष वरीयता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हस्ताक्षरित प्रोटोकॉल का पालन करते हुए वन विभाग बाघों की सुरक्षा के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहा है। सुंदरवन के रॉयल बंगाल टाइगर की सुरक्षा के लिए, वन विभाग ने टाइगर एक्शन प्लान नामक 10 साल की एक परियोजना शुरू की है।


बागेरहाट के सारनखोला उपजिला के सोनाटोला गांव के एक शिकारी हबीब तालुकदार ने कहा कि वह वर्तमान में बाघों और हिरणों को मारने के 10 मामलों में जमानत पर है। उसने कहा-“भोला नदी मेरे गांव को सुंदरवन से अलग करती है। मैं पांच साल की उम्र से ही जंगल में मछलियां पकड़ने जा रहा हूं। झूठे मुकदमों में मैं दो साल जेल में रहा। मेरे गांव में कम से कम 30 लोग हैं, जो बाघों के शिकार में शामिल हैं। वे बाघों को मारने के लिए जहरीले जाल और गोलियों का इस्तेमाल करते हैं।'


वाइल्डटीम के मुख्य कार्यकारी और ढाका विश्वविद्यालय (डीयू) के जूलॉजी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. एमडी अनवारुल इस्लाम ने कहा कि बाघों की हत्या को रोकने के लिए उन लोगों के लिए वैकल्पिक आय स्रोत बनाना होगा, जो जीविका के लिए वर्तमान में सुंदरबन पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा-“जंगल के आसपास रहने वाले लोगों के लिए सामाजिक सुरक्षा जाल बनाने होंगे। वन विभाग को प्रशिक्षित मुखबिरों की भी जरूरत है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि शिकारियों और छिपे हुए व्यापारियों को अनुकरणीय सजा दी जानी चाहिए, ताकि अन्य लोग इस प्रथा से दूर रहें।"

सुंदरवन पूर्व के प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) मोहम्मद बिलायत हुसैन ने बाघों की हत्या को रोकने के लिए वन विभाग की गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा-“कुल 62 गश्त शिविर, 16 स्टेशन और आठ गश्ती दल बाघों के सुरक्षित घूमने को सुनिश्चित करने के लिए चौबीसों घंटे जंगल के अंदर काम कर रहे हैं। इसके अलावा, सह-प्रबंधन समितियां (सीएमसी), सामुदायिक गश्त समूह (सीपीजी) और ग्राम बाघ प्रतिक्रिया दल (वीटीआरटी) भी बाघों की हत्या को रोकने के लिए काम कर रहे हैं।


बता दें कि मैंग्रोव दुनिया के सभी उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों( tropical and subtropical areas) में पाए जाते हैं। इंडोनेशिया सबसे अधिक मैंग्रोव वाला देश है। ब्राजील, मलेशिया, पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया में भी मैंग्रोव वन हैं। मैंग्रोव एक विशेष प्रकार की वनस्पति हैं। वे अंतर्ज्वारीय क्षेत्रों(intertidal regions) में पाए जाते हैं, जहां मीठे पानी और खारे पानी का मिलन होता है। जैसे-खाड़ी, मुहाने और लैगून में। वे नमक-सहिष्णु किस्म के पौधे हैं, जो कठोर परिस्थितियों में जीवित रह सकते हैं। ये आर्थिक और पारिस्थितिक रूप से महत्वपूर्ण हैं। क्लिक करके पढ़ें ये डिटेल्स

यह भी पढ़ें
Conjoined twins: रीढ़ की हड्डी से जुड़े 'नुहा-नाबा' को देखकर PM शेख हसीना हुईं शॉक्ड, लिया एक बड़ा फैसला
इमरान खान की 'Last Hope' पाकिस्तानियों को सड़क पर ला देगी, जानिए 563 सीटों के इलेक्शन पर कितना पैसा खर्च होगा?

 

Share this article
click me!

Latest Videos

पहले गई सीरिया की सत्ता, अब पत्नी छोड़ रही Bashar Al Assad का साथ, जानें क्यों है नाराज । Syria News
Mahakumbh 2025: महाकुंभ में तैयार हो रही डोम सिटी की पहली झलक आई सामने #Shorts
The Order of Mubarak al Kabeer: कुवैत में बजा भारत का डंका, PM मोदी को मिला सबसे बड़ा सम्मान #Shorts
LIVE 🔴: रविशंकर प्रसाद ने भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया | Baba Saheb |
20वां अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड, कुवैत में 'द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' से सम्मानित हुए पीएम मोदी