
Ishaq Dar busts Donald Trump claim: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया। 7 मई से 10 मई तक भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष हुआ। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि उनकी मध्यस्थता के चलते भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ाई रुकी। भारत द्वारा खारिज किए जाने के बाद भी ट्रंप बार-बार यह दावा करते रहे हैं।
अब पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने ट्रंप के दावों के गुब्बारे की हवा निकाल दी है। डार ने सच स्वीकार करते हुए कहा है कि भारत कभी भी दोनों देशों के बीच मुद्दों पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के लिए सहमत नहीं हुआ। यह बात कहकर डार ने युद्ध विराम कराने के अमेरिकी राष्ट्रपति के दावे को कमजोर कर दिया है।
डार ने कहा कि जब पाकिस्तान ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के सामने भारत के साथ मध्यस्थता की संभावना को उठाया तो उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि नई दिल्ली ने हमेशा कहा है कि पाकिस्तान के साथ सभी मुद्दे "पूरी तरह से द्विपक्षीय" हैं।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद मई में अमेरिका ने युद्धविराम का प्रस्ताव दिया था। कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत किसी तटस्थ स्थान पर होगी। 25 जुलाई को वाशिंगटन में रुबियो के साथ हुई बैठक में डार को बताया गया कि भारत इस प्रस्ताव पर सहमत नहीं है।
डार ने अल जजीरा से कहा, "हमें तीसरे पक्ष की भागीदारी से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन भारत स्पष्ट रूप से कह रहा है कि यह एक द्विपक्षीय मामला है। हमें द्विपक्षीय बातचीत से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन बातचीत व्यापक होनी चाहिए। आतंकवाद, व्यापार, अर्थव्यवस्था, जम्मू-कश्मीर, सभी विषयों पर जिन पर हम पहले चर्चा कर चुके हैं।"
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डार ने कहा, "भारत का कहना है कि यह एक द्विपक्षीय मुद्दा है। हम किसी चीज की भीख नहीं मांग रहे हैं। हम एक शांतिप्रिय देश हैं। हमारा मानना है कि बातचीत आगे बढ़ने का रास्ता है, लेकिन बातचीत के लिए दो लोगों की जरूरत होती है। अगर भारत जवाब देता है तो पाकिस्तान बातचीत के लिए तैयार है।"
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