पाकिस्तान (Pakistan) के हालात को देखा जाए तो जबरदस्त महंगाई (Inflation) की वजह से आवाम की हालत खस्ता है। इसका असर अब सरकार पर भी पड़ने लगा है।
इस्लामाबाद. पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई, पाकिस्तानी रुपये की कम होती कीमत का असर रक्षा बजट पर भी पड़ा है। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने कहा कि पाकिस्तान सेना का रक्षा बजट 2022-23 के लिए जीडीजी के 2.8 प्रतिशत से घटाकर 2.2 प्रतिशत हो गया है। सेना प्रवक्ता ने इसके साथ ही यह दावा किया कि हम सीमित संसाधनों में भी सभी जिम्मेदारियों को अच्छी तरह से पूरी कर रहे हैं। हालांकि वे यह कहने से नहीं चूके कि पाकिस्तान की अपेक्षा भारत लगातार अपना रक्षा बजट बढ़ाता रहा है।
पाकिस्तानी न्यूज चैनल के साथ इंटरव्यू के दौरान सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर ने कहा कि पाकिस्तानी जनता की धारणा के विपरीत रक्षा बजट घटाकर 2.2 प्रतिशत कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फिति की बढ़ती दर और पाकिस्तानी रुपये के मूल्य में कमी की वजह से यह संसोधन करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि जब आप मुद्रास्फीति और रुपये के मूल्यह्रास को देखते हैं तो यह (रक्षा बजट) वास्तव में कम हो गया है। पिछले साल यह जीडीपी का 2.8 फीसदी था और अब हम 2.2 फीसदी पर हैं। इसलिए जीडीपी के लिहाज से बजट लगातार नीचे जा रहा है।
वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल ने शुक्रवार को रक्षा के लिए 1,523 अरब रुपये आवंटित किए। जो कि कुल मौजूदा खर्च का 17.5 प्रतिशत है और पिछले साल की तुलना में 11.16 प्रतिशत अधिक है। आवंटन सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 1.94 प्रतिशत है। जो कि अगले वर्ष के लिए सरकार द्वारा नियोजित कुल व्यय का 16 प्रतिशत है। इससे माना जा सकता है कि रक्षा बजट वास्तव में कम किया गया है।
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