
Imran Khan Arrest: इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (Islamabad High Court ) परिसर से इमरान खान (Imran Khan) की गिरफ्तारी के बाद सरकार ने कहा है कि उनकी गिरफ्तारी से सेना को कोई लेना-देना नहीं है। सूत्रों ने पुष्टि की है कि देश के सैन्य बलों का पाकिस्तान तरहीके इंसाफ (Pakistan Tehreek-e-Insaf ) के अध्यक्ष की गिरफ्तारी से कोई लेना-देना नहीं है। सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (National Accountability Bureau) ने कानून के तहत मंगलवार को खान को गिरफ्तार किया था। इसका पाकिस्तानी सेना से कोई संबंध नहीं है।
बता दें कि पीटीआई प्रमुख को अल-कादिर ट्रस्ट मामले में मंगलवार को NAB ने उस समय गिरफ्तार किया था, जब वह अपने जमानत लेने के लिए इस्लामाबाद हाई कोर्ट पहुंचे थे। उनकी गिरफ्तारी के बाद देश के विभिन्न शहरों में विरोध और प्रदर्शन शुरू हो गए और कई इलाकों में हिंसा हो गई।
पीटीआई के नेताओं ने लोगों को उकसाया
इन हिंसक विरोध प्रदर्शनों का हवाला देते हुए सूत्रों ने कहा कि कुछ पीटीआई के नेताओं ने अपने कार्यकर्ताओं को उकसाया और अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए उनका इस्तेमाल किया। इतना ही नहीं पीटीआई ने प्रदर्शन और दबाव की रणनीति के जरिए सरकारी संपत्तियों और सैन्य प्रतिष्ठानों और इमारतों को नुकसान पहुंचाया।
सूत्रों ने कहा कि पीटीआई के कुछ नेता लगातार लोगों को हिंसा करने के लिए भड़का रहे थे। उन्होंने कहा, "इस तरह के कृत्य को किसी भी मामले में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। ऐसा करने वालों के साथ कानून के अनुसार निपटा जाएगा।"
हिंसा फैलाने वालों के साथ सख्ती से निपटेगी सरकार
हालांकि, सूत्रों ने कहा कि पीटीआई नेतृत्व द्वारा प्रचार-प्रसार और हिंसा और उनके गैरकानूनी कार्यों के बावजूद, कानून लागू करने के लिए जिम्मेदार एजेंसियों ने पूर्ण संयम दिखाया और आगे भी ऐसा करती रहेंगी, लेकिन अगर वे इस तरह की रणनीति जारी रखते हैं, तो उनसे कानून के जरिए निपटा जाएगा।
सूत्रों ने लोगों को ऐसे इस तरह के एलिमेंट से दूर रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि किसी को भीदेश की शांति और शांति को नष्ट करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। ऐसा करने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा।
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