पाकिस्तान में बाढ़: मुस्लिमों की मदद के लिए खुल गए मंदिर, लेकिन हिंदुओं को पुलिस ने रिलीफ कैम्पों से खदेड़ा

पाकिस्तान में आई विनाशकारी बाढ़ ने सरकार के पक्षपात और अल्पसंख्यकों के प्रति नफरत का पर्दाफाश किया है। सिंध प्रांत में बाढ़ पीड़ित हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों को रिलीफ कैम्प से बाहर भगा दिया है, जबकि हिंदुओं ने पीड़ितों की मदद के लिए मंदिरों के दरवाजे खोल दिए हैं।
 

Amitabh Budholiya | Published : Sep 13, 2022 3:07 AM IST / Updated: Sep 13 2022, 08:41 AM IST

इस्लामाबाद. विनाशकारी बाढ़(devastating floods) ने पाकिस्तान को बर्बादी के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। सब्जियों और अन्य जरूरी चीजों के लिए अब वो भारत से मदद की आस लगाए बैठा है, लेकिन पाकिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यकों को लेकर पक्षपात कर रहा है। पाकिस्तान के एक जर्नलिस्ट ने सरकार के पक्षपात और अल्पसंख्यकों के प्रति नफरत का पर्दाफाश किया है। सिंध प्रांत में बाढ़ पीड़ित हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों को रिलीफ कैम्प से बाहर भगा दिया है। कैम्प में सिर्फ मुसलमानों को जगह दी जा रही है। बता दें कि इस सबके बीच हिंदुओं ने पीड़ितों की मदद के लिए मंदिरों के दरवाजे खोल दिए हैं।

हिंदुओं की पीड़ा दिखाने वाले पत्रकार को अरेस्ट तक किया
पाकिस्तान के सिंध में बाढ़ के बीच भगरी समुदाय के लोगों द्वारा अपनी भयावह स्थिति के बारे में बताते हुए वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। बाढ़ में फंसे पाकिस्तानी हिंदुओं की दुर्दशा को कवर करने से नाराज सरकार ने पिछले दिनों घोटकी में एक जर्नलिस्ट नसरल्लाह गद्दानी को गिरफ्तार पुलिस से गिरफ्तार करवा दिया। लोकल मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस पत्रकार ने सिंध के मीरपुर मथेलो में भागरी समुदाय से जुड़े पाकिस्तानी हिंदुओं की पीड़ा को कवर किया था। पत्रकार का आरोप था कि स्थानीय प्रशासन ने भागरी समुदाय के लोगों को हिंदू होने के कारण बाढ़ राहत शिविर से निकाल दिया था।

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बुरे हालात में हैं सिंध के हिंदू
बाढ़ राहत शिविरों(flood relief camps) से भगाए गए गरीब हिंदुओं ने कहा कि प्रशासन उन्हें पीड़ित नहीं मानता। वीडियो में एक पीड़ित भोजन, पानी और आश्रय जैसी बुनियादी चीजों से वंचित होने के बाद रोते हुए नजर आया। कई लोगों ने कहा कि उन्होंने बाढ़ में अपना घर-बार सबकुछ खो दिया। उनके साथ छोटे-छोटे बच्चे हैं।  समझ नहीं आ रहा कि अब कहां जाएं? इस बीच एक चौंकाने वाली खबर भी सामने आई थी कि सिंध प्रांत में ही विनाशकारी बाढ़ के बीच भोजन उपलब्ध कराने के बहाने एक हिंदू लड़की के साथ दो लोगों ने बलात्कार किया था। पीड़िता का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसमें वो रोते हुए पीड़िता सुनाते दिखी थी। बता दें कि पाकिस्तान के सिंध प्रांत में रहने वाले कई हिंदू पाकिस्तानी समाज के सबसे गरीब वर्गों में से हैं। भूमि हथियाने, अपहरण और धर्मांतरण के मामलों में उन्हें मानवाधिकारों के उल्लंघन का सामना करना पड़ता है। 

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हिंदुओं ने खोले मंदिर
सिंध प्रांत में बाढ़ पीड़ित हिंदुओं के साथ हो रहे बुरे बर्ताव के बीच बलूचिस्तान से एक खबर सामने आई थी। पाकिस्तान में आई विनाशकारी बाढ़(devastating floods) ने लाखों लोगों को बेघर कर दिया है। ऐसी बाढ़ पिछले 10 साल में पहली बार देखी गई है। मुसीबत की इस घड़ी में पाकिस्तान में बचे मुट्ठीभर हिंदू अपने ऊपर होने वाले अत्याचारों को भूलकर मुसलमानों की मदद के लिए आगे आए हैं। बलूचिस्तान के कच्छी जिले में बसे जलाल खान नामक एक छोटे से गांव में स्थित एक ऐतिहासिक बाबा माधोदास मंदिर में मुस्लिमों को शरण दी गई है। क्लिक करके पढ़ें पूरी कहानी

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