सार

कोरोना, रूस-यूक्रेन युद्ध और क्लाइमेट चेंज के चलते 'कहीं बाढ़-कहीं सूखा' ने दुनिया की उन्नति को पीछे धकेल दिया है। पाकिस्तान जैसे देश सबसे खराब हालत में हैं। यह खुलासा UNDP की एक रिपोर्ट में हुआ है। बता दें कि मानव विकास सूचकांक किसी देश में स्वास्थ्य (Health), शिक्षा (Education) और जीवन के स्तर (Living Standard) का पैमाना है।

वर्ल्ड न्यूज. यूनाइटेड डेवलपमेंट प्रोग्राम(United Nations Development Programme-UNDP) की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2021-2022 के पीरियड में पाकिस्तान ने मानव विकास सूचकांक (Human Development Index-HDI) में 7 स्थानों की गिरावट दर्ज की है, जो 192 देशों में से 161वें स्थान पर है। कोरोना, रूस-यूक्रेन युद्ध और क्लाइमेट चेंज के चलते 'कहीं बाढ़-कहीं सूखा' ने दुनिया की उन्नति को पीछे धकेल दिया है। पाकिस्तान जैसे देश सबसे खराब हालत में हैं। यह खुलासा UNDP की एक रिपोर्ट में हुआ है। बता दें कि मानव विकास सूचकांक किसी देश में स्वास्थ्य (Health), शिक्षा (Education) और जीवन के स्तर (Living Standard) का पैमाना है।

जो थोड़ा-सा आगे निकले थे, फिर से पीछे हो गए
'अनसर्टेन टाइम्स, अनसेटल्ड लाइव्स: शेपिंग अवर फ्यूचर इन ए ट्रांसफॉर्मिंग वर्ल्ड' टाइटल वाली रिपोर्ट के अनुसार, जन्म के समय पाकिस्तान की जीवन प्रत्याशा(life expectancy) 66.1 वर्ष है और स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष 8 हैं। सरल शब्दों में कहें तो पाकिस्तानियों की अधिकतम उम्र 66.1 वर्ष है। अपनी जिंदगी में वे सिर्फ 8 साल ही स्कूल की पढ़ाई में लगाते हैं। सकल प्रति व्यक्ति राष्ट्रीय आय( gross per capita national income) $4,624 है। यानी औसतन हर पाकिस्तानी सिर्फ इतना ही कमा पाता है।

क्लाइमेट चेंज, कोरोना और यूक्रेन-रूस युद्ध ने की दुर्गति
रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि विभिन्न जलवायु झटके(different climate shocks), कोरोना और रूस-यूक्रेन युद्ध  वर्ल्ड ऑर्डर या सिस्टम को प्रभावित कर रहे हैं। इसका असर यह हुआ है कि जो कुछ ग्रोथ पिछले कुछ वर्षों में हासिल हुई थी, फिर से पीछे धकेल दी गई है। पाकिस्तान पर भी रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण बढ़ी महंगाई और क्लाइमेट चेंज के कारण आई विनाशकारी बाढ़ का बहुत बुरा असर पड़ा है।

HDI के नए आंकड़ों में स्विट्जरलैंड सबसे आगे है, जबकि नॉर्वे और आइसलैंड दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। यानी ये देश सबसे बेहतर स्थिति में हैं। दक्षिण एशियाई देशों में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका (केवल पाकिस्तान और अफगानिस्तान 180 वां स्थान) ह्यूमन डेवलपमेंट कैटेगरी में निचले स्तर पर हैं।

भूटान (127), बांग्लादेश (129), भारत (132) और नेपाल (143) मध्यम मानव विकास श्रेणी में हैं। संकटग्रस्त श्रीलंका ने अपनी स्थिति में 9 अंकों का सुधार किया है, जो कि 73वें स्थान पर पहुंच गया है। वहीं मालदीव 90वें स्थान पर है।

रिपोर्ट में पाया गया है कि सर्वेक्षण के वर्ष में लगभग 90 प्रतिशत देशों ने "मानव विकास में उलटफेर" देखा है, जो मौजूदा संकट के बाद भी कभी न खत्म होने वाले संकट चक्र में फंसी दुनिया की ओर इशारा करता है। यह एक ग्लोबल व्यवधान पैदा होते हैं। HDI देशों के जीवन स्तर( standard of living), हेल्थ और एजुकेशन के स्तर का एक पैमाना है। पिछले 30 वर्षों में यह पहली बार है, जब अधिकांश देशों में मानव विकास लगातार दो वर्षों तक विपरीत रहा है।

GDP ग्रोथ 5 के मुकाबले 3 प्रतिशत की गई
पाकिस्तान के योजना मंत्री अहसान इकबाल(Planning Minister Ahsan Iqbal) ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान को फाइनेंसियलइ ईयर 2022-2023 के लिए अपने सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product-GDP) की वृद्धि अनुमान को 5% से घटाकर 3% करने की उम्मीद है। उनकी चेतावनी तब आई, जब नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) ने बताया कि विनाशकारी बाढ़ से मरने वालों की संख्या 1,396 हो गई है, जबकि घायलों की कुल संख्या 12,700 से अधिक है। NDMA की लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, बाढ़ से क्षतिग्रस्त घरों की संख्या (आंशिक रूप से या पूरी तरह से) 1.7 मिलियन से अधिक है। 6,600 किमी से अधिक सड़कें और 269 पुल डैमेज हो गए हैं। इकबाल, जो नेशनल फ्लड रिस्पांस एंड कॉर्डिनेशन सेंटर (NFRCC) के अध्यक्ष भी हैं, प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के लिए संयुक्त ब्रीफिंग के दौरान बोल रहे थे।

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