पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने स्वीकारी बदहाली, बोले- हम एक दिवालिया देश में रह रहे, नौकरशाहों और राजनेताओं ने बर्बाद कर दिया...

पाकिस्तान में पिछले सप्ताह में वार्षिक मुद्रास्फीति 38.42 प्रतिशत तक पहुंच चुका है। यह इसलिए क्योंकि आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।

Dheerendra Gopal | Published : Feb 19, 2023 10:19 AM IST / Updated: Feb 19 2023, 03:54 PM IST

Pakistan economic crisis: आर्थिक संकट से बुरी तरह से पाकिस्तान जूझ रहा है। नकदी संकट भी यहां गहराता जा रहा है। बदहाल देश के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि देश पहले ही चूक कर चुका है। देश के नौकरशाहों, राजनेताओं ने इस हालात में पहुंचा दिया है। अगर समय से हमारे देश के जिम्मेदारों ने ध्यान दिया होता तो आज स्थितियां दूसरी होती लेकिन अब एक कंगाल देश में हम हैं। पाकिस्तान को आर्थिक संकट से उबारने के लिए पहले देशवासियों को खुद ही आत्मनिर्भर बनना होगा।

हम एक दिवालिया देश में रह रहे...

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गृह नगर सियालकोट में एक समारोह को संबोधित करते हुए, ख्वाजा आसिफ ने मौजूदा आर्थिक संकट के लिए प्रतिष्ठान, नौकरशाही और राजनेताओं को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि आपने सुना होगा कि पाकिस्तान दिवालिया हो रहा है या कोई डिफॉल्ट या मेल्टडाउन हो रहा है। यह (डिफॉल्ट) पहले ही हो चुका है। हम एक दिवालिया देश में रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी समस्याओं का समाधान देश के भीतर है। आईएमएफ के पास पाकिस्तान की समस्याओं का समाधान नहीं है। उन्होंने कहा कि सत्ता प्रतिष्ठान, नौकरशाही और राजनेता सहित सभी मौजूदा आर्थिक बदहाली के लिए जिम्मेदार हैं क्योंकि पाकिस्तान में कानून और संविधान का पालन नहीं किया जाता है।

नकदी का संकट भी गहराया

पाकिस्तान में पिछले सप्ताह में वार्षिक मुद्रास्फीति 38.42 प्रतिशत तक पहुंच चुका है। यह इसलिए क्योंकि आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। यहां खाने-पीने के सामान में बेतहाशा वृद्धि हुई है। खाद्य संकट गहराता जा रहा है। उधर, शहबाज शरीफ सरकार, आईएमएफ से लोन पाने के लिए उसके कहने पर रोज नए-नए टैक्स लगाने के साथ पेट्रोलियम की कीमतों में बढ़ोतरी करती जा रही है।

लगातार बढ़ती जा रही कीमतें लोगों में हाहाकार

पाकिस्तान ब्यूरो के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, संवेदनशील मूल्य सूचकांक (एसपीआई) का उपयोग शार्ट-टर्म इन्फ्लेशन को मापने के लिए किया जाता है। साल-दर-साल (YoY) की स्टैटिस्टिक्स के आधार पर बढ़कर मुद्रास्फीति 38.42 प्रतिशत हो गया। पिछले सप्ताह में 34 वस्तुओं की कीमतें बढ़ीं जबकि पांच के दाम घटे और 12 अपरिवर्तित रहीं। बढ़ती कीमतों ने 29,518 रुपये से 44,175 रुपये की मासिक आय वाले वर्ग के लोगों को सबसे अधिक प्रभावित किया है। पिछले सप्ताह में सालाना आधार पर एसपीआई महंगाई दर 34.83 फीसदी दर्ज की गई थी। एसपीआई का इस्तेमाल देश के 17 शहरों के 50 बाजारों के सर्वे के आधार पर 51 आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को मापने के लिए किया जाता है।

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