EXPLAINER: पाकिस्तान में सरकार बनाने को PML-PPP के बीच बनी बात, तय हुआ यह फॉर्मूला

पाकिस्तान में 8 फरवरी को चुनाव हुआ। इसके चार दिन बाद स्थिति साफ हुई कि कैसे नई सरकार बनेगी। PML-N और PPP के बीच गठबंधन को लेकर सहमति बन गई है।

 

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में नई सरकार चुनने के लिए 8 फरवरी को चुनाव (Pakistan Election) हुए। इसके बाद वोटों की गिनती हुई और नतीजे आए। चुनाव में जेल में बंद पूर्व पीएम इमरान खान ने चौंकाया है। चुनाव के चार दिन बाद सोमवार को स्थिति साफ हुई कि नई सरकार कैसे बनेगी। PML-N और PPP के बीच गठबंधन पर सहमति बन गई। नई सरकार बनाने के लिए फॉर्मूला भी तय हो गया है।

चुनाव में इमरान खान की पार्टी पीटीआई (Pakistan Tehreek-e-Insaf) द्वारा समर्थित स्वतंत्र उम्मीदवार सबसे अधिक जीतकर आए हैं। नेशनल असेंबली के सदस्यों की कुल संख्या 336 है। इनमें से 266 सदस्यों के लिए चुनाव होते हैं। एक उम्मीदवार की मौत के चलते इस बार 265 सीट पर चुनाव हुए। 70 सीटें रिजर्व हैं। जो पार्टी जितनी सीट जीतती है उसी अनुपात में उसे रिजर्व सीट अलॉट होते हैं।

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PTI समर्थित 93 उम्मीदवारों को मिली जीत

PTI समर्थित 93 आजाद उम्मीदवारों को चुनाव में जीत मिली है। यह संख्या किसी भी पार्टी द्वारा जीते गए सीट से अधिक है, लेकिन यह नेशनल असेंबली में बहुमत के लिए जरूरी 169 के आंकड़े से कम है। तीन बार पाकिस्तान के पीएम रहे नवाज शरीफ की पार्टी PML-N (Pakistan Muslim League Nawaz) को 75 सीटों पर जीत मिली है। PML-N की सेना का भी समर्थन है। PPP (Pakistan People's Party) को 54 सीटों पर जीत मिली है। पाकिस्तान के संविधान के अनुसार 29 फरवरी तक नई सरकार का बनना जरूरी है।

शरीफ की PML-N और भुट्टो की PPP ने मिलाया हाथ

सरकार बनाने के लिए नवाज शरीफ की पार्टी PML-N और बिलावल भुट्टो जरदारी की पार्टी PPP के बीच सोमवार को गठबंधन पर सहमति बनी। इसके साथ कई और छोटी पार्टियों को भी सरकार में शामिल किया जाएगा। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार PPP और PML-N के बीच 5 साल के कार्यकाल को दो हिस्से में बांटने पर बात हुई है। इसके अनुसार 2.5-2.5 साल के लिए दोनों पार्टियों के पीएम होंगे।

रविवार को PML-N और PPP के नेताओं के बीच बैठक हुई थी। इस दौरान दोनों पार्टियों द्वारा आधे कार्यकाल के लिए अपना पीएम बनाने को लेकर बात हुई। लाहौर स्थित बिलावल के घर पर पूर्व पीएम शहबाज शरीफ और बिलावल के बीच बैठक हुई। इस दौरान दोनों पक्ष राजनीतिक स्थिरता के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए। बैठक में आसिफ अली जरदारी भी मौजूद थे।

कैसे बनी 2.5-2.5 साल तक पीएम पद शेयर करने पर बात?

बैठक के दौरान पीएमएल-एन ने आधिकारिक तौर पर गठबंधन सरकार बनाने के लिए पीपीपी से सहयोग की पेशकश की। पीएमएल-एन नेतृत्व ने पीपीपी को बताया कि कई आजाद सांसद और एमक्यूएम-पाकिस्तान के सांसद उनका सपोर्ट करने के लिए तैयार हैं। पीएमएल-एन ने मांग रखी कि गठबंधन सरकार में प्रधानमंत्री उनकी पार्टी से होंगे। पीपीपी इसके लिए तैयार नहीं हुई।

यह भी पढ़ें- Watch: पाकिस्तान में चुनाव के नतीजे बने मजाक, पत्रकारों ने लगान मूवी से कर दी राजनीतिक पार्टियों की तुलना

 पूर्व राष्ट्रपति आसिफ जरदारी ने कहा कि पीपीपी की केंद्रीय कार्यकारी समिति (सीईसी) ने पहले ही बिलावल को पीएम पद के लिए नामित कर दिया है। ऐसे में उसके लिए किसी और को पीएम के रूप में स्वीकार करना मुश्किल है। इस मुद्दे पर गहन विचार विमर्श के बाद दोनों दलों के नेतृत्व ने पांच साल के आधे कार्यकाल के लिए अपनी पार्टियों के प्रधानमंत्री बनाने की संभावना तलाशी।

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