..तो करगिल की जंग में ही मारे जाते परवेज मुशर्रफ, इस एक वजह से किस्मत ने बचा लिया था

Published : Jun 10, 2022, 08:16 PM ISTUpdated : Jun 10, 2022, 08:25 PM IST
..तो करगिल की जंग में ही मारे जाते परवेज मुशर्रफ, इस एक वजह से किस्मत ने बचा लिया था

सार

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की हालत बेहद नाजुक है। मीडिया में फैली मौत की खबरों के बाद उनके परिजनों ने हेल्थ अपडेट जारी करते हुए कहा है कि वो वेंटीलेटर पर नहीं हैं लेकिन उनके अंगों ने काम करना बंद कर दिया है। मेजर आर्गन फेल्योर की वजह से अब उनका रिकवर हो पाना बेहद कठिन है।

Pervez Musharraf: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की हालत नाजुक है। वो करीब 3 हफ्ते से दुबई के एक हॉस्पिटल में एडमिट हैं। जनरल मुशर्रफ के परिजनों ने उनकी हेल्थ अपडेट जारी करते हुए कहा है कि वो वेंटीलेटर पर नहीं हैं लेकिन उनके अंगों ने काम करना बंद कर दिया है। मेजर आर्गन फेल्योर की वजह से अब उनकी रिकवरी हो पाना मुश्किल है। बता दें कि 2001 से 2008 के बीच पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहने से पहले परवेज मुशर्रफ आर्मी चीफ थे। भारत-पाकिस्तान के बीच करगिल में हुए युद्ध के लिए मुशर्रफ को ही जिम्मेदार माना जाता है। लेकिन एक बात है, जिसके बारे में कम ही लोग जानते हैं। कहा जाता है कि करगिल की जंग में भारतीय वायुसेना परवेज मुशर्रफ और नवाज शरीफ पर बम गिराने वाली थी। 

इस वजह से बच गए थे परवेज मुशर्रफ :  
बता दें कि ये खुलासा एक सरकारी डॉक्यूमेंट से हुआ था। यह घटना 24 जून, 1999 की सुबह पौने 9 बजे की है। करगिल की जंग में भारतीय सेना करीब-करीब पाकिस्तान पर फतेह पा चुकी थी। इसी दौरान, भारतीय वायुसेना का एक लड़ाकू विमान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और तत्कालीन सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ पर बम गिराने वाला था, लेकिन एक सीनियर पायलट के मना करने पर ऐसा नहीं हो पाया और परवेज मुशर्रफ बच गए।

क्या था पूरा मामला : 
24 जून, 199 को भारतीय वायुसेना के जगुआर लड़ाकू विमान ने नियंत्रण रेखा (LOC) पर उड़ान भरी। इसका टारगेट पाकिस्तानी सेना के सबसे अहम ठिकाने पर लेजर गाइडेड सिस्टम से बमबारी करना था। पायलट एलओसी के दूसरी ओर गुलतेरी पर बम गिराने को तैयार था। लेकिन ऐन वक्त पर एक सीनियर अधिकारी के कहने पर बम को टारगेट से बाहर गिरा दिया गया। रिपोर्ट्स में कहा गया कि अगर इस दौरान सही जगह टारगेट किया जाता तो उसमें पाकिस्तान के तत्कालीन सेनाध्यक्ष परवेज मुशर्रफ और पीएम नवाज शरीफ मारे जा सकते थे। हालांकि, तब भारतीय वायुसेना को ये नहीं मालूम था कि ये दोनों गुलतेरी में ही मौजूद थे। 

उस दिन सैनिकों का हौसला बढ़ाने गुलतेरी पहुंचे थे मुशर्रफ : 
बता दें कि करगिल जंग के वक्त गुलतेरी पाकिस्तानी सेना का अग्रिम सैन्य ठिकाना था, जहां से सेना को हथियार और रसद पहुंचाया जा रहा था। गुलतेरी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में एलओसी से सिर्फ 9 किलोमीटर भीतर है। 24 जून को तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ और परवेज मुशर्रफ इस सैन्य ठिकाने पर मौजूद थे और दोनों यहां सैनिकों का हौसला बढ़ाने आए थे।

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