सार

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की हालत बेहद खराब है। वो पिछले 20 दिनों से दुबई के एक अस्पताल में भर्ती हैं। कहा जा रहा है कि उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, परवेज मुशर्रफ को (Amyloidosis) नामक दुर्लभ बीमारी है, जिसमें शरीर के अंग एक-एक करके काम करना बंद कर देते हैं।

Pervez Musharraf: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की हालत बेहद खराब है। वो पिछले 20 दिनों से दुबई के एक अस्पताल में भर्ती हैं। कहा जा रहा है कि उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, परवेज मुशर्रफ को (Amyloidosis) नामक दुर्लभ बीमारी है, जिसमें शरीर के अंग धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते हैं। कहा जा रहा है कि उनकी बीमारी उस स्टेज पर पहुंच गई है, जहां से रिकवर होना मुश्किल है।  आखिर क्या है एमिलॉयडोसिस और क्यों होती है यह बीमारी। इसके लक्षण और बचाव क्या हैं, आइए जानते हैं इस बारे में। 

क्या है एमिलॉयडोसिस?    
एमिलॉयडोसिस एक दुर्लभ बीमारी (Rare Disorder) है, जो कि एमाइलोयड नामक असामान्य प्रोटीन के बनने से होती है। यह प्रोटीन आमतौर पर बोन मैरो (अस्थि मज्जा) में बनता है और किसी भी ऊतक या अंग में जमा होने लगता है। जब ये प्रोटीन शरीर के अहम आंतरिक अंगों जैसे किडनी, लिवर, आंत या फिर हार्ट में जमा होने लगता है तो उसे सख्त बना देता है, जिससे वो सामान्य रूप से काम नहीं कर पाते। 

क्यों होता है एमिलॉयडोसिस?
शरीर में कई तरह के प्रोटीन जमा होते हैं, लेकिन कई बार कुछ प्रोटीन की वजह से शरीर के आंतरिक अंगों में बड़ी दिक्कत पैदा होने लगती है। हालांकि, ये क्यों जमा होते हैं इसकी कोई ठोस वजह नहीं है। शरीर के लिए प्रोटीन जरूरी है, लेकिन जब ये असामान्य रूप से जमा होने लगता है तो इससे कई तरह की समस्या होने लगती है। 

एमिलॉयडोसिस के लक्षण : 
एमिलॉयडोसिस के लक्षण लंबे समय तक नजर नहीं आते। कई बार मरीज इन्हें सामान्य समस्या समझता है। परेशानी बढ़ने के बाद इससे पैदा होने वाले लक्षण बताते हैं कि एमाइलोयडइस प्रोटीन किस अंग को नुकसान पहुंचा रहा है। एमिलॉयडोसिस से जुड़े सामान्य लक्षण टखनों और पैरों में सूजन, चक्कर आना, कमजोरी लगना, सांस लेने में तकलीफ, हाथ-पैरों में सूजन या झुनझुनी, दस्त या कब्ज और वजन कम होना है।

क्या है एमिलॉयडोसिस का इलाज?
एमिलॉयडोसिस एक तरह की दुर्लभ बीमारी है, जो महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में ज्यादा देखी जाती है। इसका कोई खास इलाज नहीं है। इसे कंट्रोल किया जा सकता है और इसके लिए एमाइलोयड प्रोटीन का प्रोडक्शन धीमा करना है। इसे कंट्रोल करने के लिए डॉक्टर कुछ दवाएं देते हैं, जिनसे इस प्रोटीन का असामान्य उत्पादन घटाया जाता है। बता दें कि कुल केस के 15 प्रतिशत मरीजों में यह कैंसर का रूप ले लेता है।  

लाइफस्टाइल में बदलाव से होगा कंट्रोल : 
एमाइलोयड प्रोटीन को बढ़ने से रोकने के लिए आप अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव कर इसे काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं। इसके लिए आपको खान-पान में बदलाव करना होगा। खाने में दलिया, सूप, जूस और ओट्स की मात्रा बढ़ा दें। इसके अलावा योगासन और मेडिटेशन भी इस प्रोटीन के असामान्य वृद्धि को रोकता है। 

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