
इस्लामाबाद: गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को अगले 4 वर्षों में 27 लाख करोड़ रुपये (1 डॉलर के मुकाबले 278 पाकिस्तानी रुपये) का विदेशी कर्ज चुकाना होगा. यह विदेशी कर्ज, पाकिस्तान के मौजूदा विदेशी मुद्रा भंडार का 10 गुना है जो पाकिस्तान की दयनीय आर्थिक स्थिति को उजागर करता है.
देश की ऐसी आर्थिक स्थिति के बारे में खुद वित्त राज्य मंत्री परवेज मलिक ने संसद की स्थायी समिति को जानकारी दी है. 2024 से 2027 की अवधि में देश को 100 अरब डॉलर (27 लाख करोड़ रुपये) का विदेशी कर्ज चुकाना होगा. मौजूदा कर्जों को रिन्यू करवाकर या नए कर्ज के जरिए पुराना कर्ज चुकाया जा सकता है, ऐसा कहकर उन्होंने समस्या का समाधान भी बताया है.
लेकिन पहले से ही पुराने कर्जों की अदायगी के लिए पाकिस्तान कई वर्षों से यही नीति अपनाता आ रहा है, जिसके कारण विश्व बैंक समेत कई विदेशी स्रोतों से कर्ज लेना पाकिस्तान के लिए मुश्किल हो गया है. ऐसे में फिर से पुरानी नीति का सहारा लेने की बात पाकिस्तान सरकार ने कही है. पाकिस्तान ने मुख्य रूप से सऊदी अरब, चीन, यूएई, कुवैत जैसे देशों से कर्ज लिया है.
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