
वर्ल्ड डेस्क। इजराइल ने लेबनान की राजधानी बेरूत में हवाई हमला कर हिजबुल्लाह (Hezbollah) के कमांडर इब्राहिम अकील (Ibrahim Aqil) को मार दिया है। इस हमले में 14 लोग मारे गए। इब्राहिम अकील ने 1983 में बेरूत में अमेरिकी दूतावास पर बमबारी कर अमेरिका को डराया था। अमेरिका ने उसके सिर पर 58.4 करोड़ रुपए से अधिक का इनाम रखा था। वह हिजबुल्लाह के राडवान फोर्स का प्रमुख था।
कौन था इब्राहिम अकील?
इब्राहिम अकील का जन्म लेबनान के बालबेक में हुआ था। वह 1980 के दशक में हिज्बुल्लाह में शामिल हुआ था। 2008 से हिजबुल्लाह की सर्वोच्च सैन्य संस्था जिहाद काउंसिल का सदस्य था। इसके साथ ही वह हिजबुल्लाह के राडवान फोर्सेज का प्रमुख था। राडवान फोर्सेज ने सीरिया में भी लड़ाई लड़ी है। दशकों तक हिजबुल्लाह में टॉप पोस्ट पर रहने के बाद भी दुनिया को अकील के बारे में बहुत कम जानकारी है।
हिजबुल्लाह के बारे में जानकारी रखने वाले एलिजा मैग्नियर के अनुसार अकील इस आतंकी संगठन के पुराने नेताओं में से एक था। उसने हिजबुल्लाह के गठन की शुरुआत से ही काम शुरू कर दिया था। वह अलग-अलग जिम्मेदारियों में आगे बढ़ता गया।
इब्राहिम अकील ने अमेरिकी लोगों पर किए थे दो बड़े हमले
इब्राहिम अकील को “तहसीन” भी कहा जाता था। अमेरिकी सरकार ने उसे ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया था। अमेरिकी विदेश विभाग ने अकील के बारे में जानकारी देने वाले को 7 मिलियन डॉलर का इनाम देने की घोषणा की थी।
अकील लेबनान में अमेरिकी कर्मियों पर हुए दो सबसे घातक हमलों में शामिल था। अप्रैल 1983 में बेरूत में अमेरिकी दूतावास पर बमबारी की गई थी। इसमें 63 लोगों की मौत हुई थी। वहीं, अक्टूबर 1983 में अमेरिकी मरीन बैरकों पर बमबारी की गई थी, जिससे 241 अमेरिकी सैनिकों की जान चली गई। अकील लेबनान में अमेरिकी और जर्मन नागरिकों के अपहरण में भी शामिल था।
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