
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की यात्रा पर निकले हैं। वह क्वाड (Quad) शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। क्वाड को आधिकारिक तौर पर Quadrilateral Security Dialogue कहा जाता है। यह भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया का रणनीतिक मंच है। इसका उद्देश्य "स्वतंत्र, खुला और समृद्ध" हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करना है। यह क्षेत्र में चीन के प्रभाव का मुकाबला करते हुए स्थिरता और लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए काम करता है। इसी वजह से क्वाड चीन को फूटी आंख नहीं सुहाता। चीन इसे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपने लिए चुनौती के रूप में देखता है।
कैसे अस्तित्व में आया क्वाड?
क्वाड का विचार सबसे पहले जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने 2007 में सामने रखा था। अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत इसके सदस्य हैं। चारों देश मिलकर चीन की आक्रामकता का सामना कर रहे हैं। 2013 से 2020 तक प्रत्येक क्वाड देश को चीन की चुनौती का सामना करना पड़ा है। क्वाड की पहली मंत्रिस्तरीय बैठक 2019 में हुई थी। मार्च 2021 में पहला वर्चुअल क्वाड शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया था।
क्वाड का भारत के लिए महत्व
चीन के साथ भारत के रिश्ते तनावपूर्ण हैं। सीमा को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद है। वहीं, चीन की सेना ने हिंद महासागर में अपनी सक्रियता बढ़ाई है। इसे देखते हुए भारत के लिए क्वाड का महत्व बढ़ गया है। इससे भारत को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन का मुकाबला करने में मदद मिल रही है। भारत इस क्षेत्र में सुरक्षा देने वाली बड़ी ताकत के रूप में उभर रहा है।
क्वाड के मुख्य उद्देश्य
यह भी पढ़ें- मोदी का अमेरिका दौरा: क्वाड से UNGA तक, जानें क्या है PM का खास एजेंडा?
अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।