शहबाज शरीफ ने बीते दिनों इमरान खान के मार्च को देखते हुए एक 13 सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। यह कमेटी इमरान खान के प्रोटेस्ट मार्च पर नजर बनाए हुए हुए है। शहबाज शरीफ ने शनिवार को यह बताया कि अगर इमरान खान अपनी बात रखना चाहते हैं या सरकार से बातचीत करना चाहते हैं तो इस कमेटी से बात कर सकते हैं।
Pakistan government control at London: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को यूनाइटेड किंगडम की राजधानी लंदन से आदेश मिल रहा है। शहबाज शरीफ लंदन से मिले आदेशों का उपयोग सरकार चलाने के लिए कर रहे हैं। नए ताजा आदेश के अनुसार शहबाज शरीफ को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से दूरी बनाए रखने और उनसे किसी प्रकार का संबंध न रखने के लिए कहा गया है। पूर्व पीएम इमरान खान देश में हकीकी आजादी मार्च निकाले हैं। वह इस प्रोटेस्ट मार्च से देश में चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं।
कौन है लंदन से आदेश देने वाला यह शख्स?
दरअसल, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज गुट, कई दलों के समर्थन से सरकार बनाई है। इमरान खान को अविश्वास प्रस्ताव से हटाने के बाद नई सरकार बनी उसका नेतृत्व शहबाज शरीफ कर रहे हैं। शहबाज शरीफ, पूर्व पीएम नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं। हालांकि, पीएम तो शहबाज शरीफ हैं लेकिन सर्वोच्च नेता के रूप में उनके बड़े भाई नवाज शरीफ की सबकाम कर रहे हैं। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सर्वोच्च नेता के रूप में काम कर रहे नवाज शरीफ के आदेश के बिना पार्टी प्रमुख राजनीतिक मामलों में कोई निर्णय नहीं लेती है।
क्या कहा है नवाज शरीफ ने इमरान खान के मार्च पर?
पूर्व प्रधान मंत्री नवाज शरीफ ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को इमरान खान के मार्च या विरोध प्रदर्शनों पर ध्यान नहीं देने और किसी भी बातचीत में शामिल न होने की बात कही है। नवाज शरीफ ने कहा कि खान अक्सर इस्लामाबाद में एक मिलियन लोगों को लाने का दावा करते है लेकिन अभी तक 2,000 लोगों को इकट्ठा करने में कामयाब नहीं हुए हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मैंने शाहबाज शरीफ से कहा है कि चाहे वह [इमरान] 2,000 या 20,000 लोगों को लाए न तो उनकी मांग कोई मानें न ही उनसे बातचीत में शामिल हों।
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को सही करने पर ध्यान दें
शहबाज शरीफ से उनके बड़े भाई ने कहा कि इमरान खान की ओर ध्यान देने की बजाय वह अपना सारा ध्यान नकदी की तंगी से जूझ रहे लोगों की सेवा पर केंद्रित करें। उन्होंने यह भी कहा कि लांग मार्च के प्रति लोगों की उदासीनता का कारण यह है कि खान के बुरे झूठ को राष्ट्र के सामने उजागर किया गया। उनकी झूठ का नतीजा यह रहा कि आईएसआई के डीजी को अपनी चुप्पी तोड़ते हुए देश के सामने बयान देना पड़ा।
शरीफ ने 13 सदस्यीय कमेटी का गठन किया
शहबाज शरीफ ने बीते दिनों इमरान खान के मार्च को देखते हुए एक 13 सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। यह कमेटी इमरान खान के प्रोटेस्ट मार्च पर नजर बनाए हुए हुए है। शहबाज शरीफ ने शनिवार को यह बताया कि अगर इमरान खान अपनी बात रखना चाहते हैं या सरकार से बातचीत करना चाहते हैं तो इस कमेटी से बात कर सकते हैं। दरअसल, इमरान खान चाहते हैं कि देश में चुनावों की जल्द से जल्द ऐलान किया जाए। इस मांग को लेकर वह देश में हकीकी आजादी मार्च निकाले हुए हैं। बीते दिनों इमरान खान को चुनाव आयोग ने अयोग्य करार देते हुए चुनाव लड़ने या कोई सार्वजनिक पद संभालने से रोक दिया था। इमरान खान पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री हैं जिनको अविश्वास प्रस्ताव लाकर हटाया गया हो। नेशनल असेंबली का वर्तमान कार्यकाल अगस्त 2023 में समाप्त होगा और 60 दिनों के भीतर नए सिरे से चुनाव होने चाहिए।
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