पाकिस्तान के हॉस्पिटलों में नर्क जैसे हालात, डॉक्टर्स-बेड-वेंटिलेटर के लिए मचा हाहाकार

Published : Aug 13, 2025, 03:05 PM IST
Pakistan Hospital

सार

Pakistan Karachi Hospital: पाकिस्तान के सिंध और कराची समेत कई इलाकों के हॉस्पिटलों में बेड, वेंटिलेटर और स्टाफ की कमी से हाहाकार मच गया है। जिला अस्पतालों की बदहाली के कारण मरीज़ कराची आ रहे हैं।

Pakistan Hospital Conditions: पाकिस्तान दुनिया के सामने खुद को बेहद मजूबत और ताकतवर बताता है, लेकिन बुनियादी चीजें वो अपने ही लोगों को उपलब्ध नहीं करवा पा रहा है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है सिंध खासकर कराची के हॉस्पिटलों की बिगड़ती हालत। यहां पर हॉस्पिटल की हालत बहुत ही ज्यादा खराब है। बेड, वेंटिलेटर, मेडिकल कर्मचारियों आदि मेडिकल सुविधाओं से पाकिस्तान के लोग वंचित होते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसके चलते स्थानीय निवासियों और प्रांत के अलग-अलग हिस्सों से आने वाले लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। शहर के मेन हॉस्पिटलों में कुल मिलाकर केवल 6,500 बेड और 250 वेंटिलेटर हैं, साथ ही डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की लगातार कमी है, जिसके चलते स्थानीय मरीजों को संभालने में परेशानी हो रही है।

कराची के पूर्व स्वास्थ्य निदेशक इकराम सुल्तान ने बताया कि आतंरकि सिंध के जिला अस्पतालों में जरूरी मेडिकल सुविधाएं मौजूद नहीं है, जिसके चलते मरीजों को पर्याप्त इलाज नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में मजबूर होकर उन्हें कराचा हॉस्पिटलों में जाना पड़ रहा है। अपनी बात में इकराम सुल्तान ने कहा, "जिन्ना अस्पताल में न केवल कराची बल्कि आसपास के शहरों से भी मरीजों की भारी भीड़ देखी जाती है। दशकों से बिस्तरों की संख्या स्थिर बनी हुई है और इन अस्पतालों में कर्मचारियों की भारी कमी है। सरकार को जिला अस्पतालों में विशेषज्ञों की नियुक्ति सुनिश्चित करनी चाहिए और वहां माध्यमिक देखभाल सेवाएं प्रदान करनी चाहिए। तभी जिन्ना और सिविल अस्पताल पर भार कम हो सकता है।,"

पाकिस्तान के अस्पतालों में नहीं है कोई एक्सपर्ट

कराची के जिला अस्पतालों की बात करें तो इस वक्त 60 प्रतिशत बेड़ मरीजों से भरे पड़े हैं। ये हॉस्पिटल लोगों को बुनियादी स्वास्थ्य संबंधित सेवा उपलब्ध करवाता है, लेकिन इनके पास पैरामेडिकल और नर्सिंग स्टाफ के साथ-साथ एनेस्थेसियोलॉजिस्ट, नेफ्रोलॉजिस्ट और पल्मोनोलॉजिस्ट जैसे एक्सपर्ट मौजूद नहीं है। ऐसे में मरीजों को बड़े शहर की तरफ रवाना होना पड़ रहा है। पाकिस्तान के बड़े हॉस्पिटलों में मरीजों की संख्या काफी ज्यादा है। सिविल हॉस्पिटल के इमरजेंसी डिपोर्टमें हर दिन 2 हजार मरीज आते हैं। ओपीडी में रोज 8 हजार लोग इलाज करवाते हैं। 200 मरीज हर दिन भर्ती होते हैं।

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