तिब्बत, ताइवान क्षेत्रों के लिए One China Policy पर पाकिस्तान ड्रैगन के साथ, भारत विरोध का किया समर्थन

इमरान खान बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक (Beijing Winter Olympics) के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए गए हैं। समारोह के अलावा वह राजनीतिक और व्यावसायिक क्षेत्रों के शीर्ष चीनी नेतृत्व से मिलने के लिए चीन का दौरा कर रहे हैं। यात्रा का उद्देश्य वित्तीय सहायता जुटाना भी है।

Asianet News Hindi | Published : Feb 7, 2022 2:13 PM IST / Updated: Feb 07 2022, 07:47 PM IST

नई दिल्ली। पाकिस्तान (Pakistan) ने एक बार फिर भारत की अखंडता के खिलाफ चीन (China) का समर्थन किया है। चीन की यात्रा पर गए पाकिस्तान के पीएम इमरान खान (PM Imran Khan) ने शिनजियांग (Xinjiang), हांगकांग (Hong Kong) और तिब्बत (Tibet) को लेकर चीन की नीति का समर्थन किया है। पाकिस्तान मुस्लिम बहुल शिनजियांग में उइगर मुसलमानों (Uyghur muslims) के नरसंहार पर चुप्पी साधते हुए यहां भी चीन की बर्बरता को मान्यता दी है। पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान ने एक-चीन नीति (One China Policy) के प्रति प्रतिबद्धता जताते हुए ताइवान, दक्षिण चीन सागर, हांगकांग, शिनजियांग और तिब्बत पर चीन के लिए समर्थन व्यक्त किया।

बीजिंग ओलंपिक उद्घाटन समारोह में गए हैं इमरान

इमरान खान बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक (Beijing Winter Olympics) के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए गए हैं। समारोह के अलावा वह राजनीतिक और व्यावसायिक क्षेत्रों के शीर्ष चीनी नेतृत्व से मिलने के लिए चीन का दौरा कर रहे हैं। इस यात्रा का उद्देश्य मुद्रास्फीति प्रभावित पाकिस्तान के लिए वित्तीय सहायता जुटाना भी है। विवादित चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के दूसरे चरण की शुरुआत के लिए शुक्रवार को उन्होंने चीन के साथ एक नए समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

वैश्विक समुदाय की चिंताओं को दरकिनार कर पाक ने दिया चीन का साथ

पाकिस्तान द्वारा समर्थन ऐसे समय में आया है जब अधिकार समूहों के साथ वैश्विक समुदाय मानवाधिकारों पर कार्रवाई, राजनीतिक शक्ति के केंद्रीकरण और चीनी सरकार द्वारा व्यापक निगरानी के बारे में चिंता जता रहे हैं। ह्यूमन राइट्स वॉच समूह ने जनवरी के अंत में कहा कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग के तहत, चीनी अधिकारी उइगर, तिब्बतियों, जातीय समूहों और सभी स्वतंत्र धर्म समूहों के धार्मिक विश्वासियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर दुर्व्यवहार कर रहे हैं।

मानवाधिकारों बर्बर तरीके से हनन कर रहा चीन

रिपोर्ट के अनुसार, चीनी सरकार ने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, नारीवादियों, वकीलों, पत्रकारों और अन्य लोगों पर अत्याचार करके स्वतंत्र नागरिक समाज का सफाया कर दिया है। सरकार ने हांगकांग में एक बार जीवंत नागरिक समाज के खात्में के लिए अभिव्यक्ति, संघ और शांतिपूर्ण सभा के अधिकारों को कम करने के लिए तकनीक-सक्षम निगरानी का विस्तार किया है। अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करते हुए जबरन श्रम के उपयोग की अनुमति दी है।

एक लाख से अधिक अल्पसंख्यकों का अवैध हिरासत

शिनजियांग में चीनी प्रशासन पर अल्पसंख्यकों के एक लाख से अधिक लोगों को हिरासत में लेने का आरोप है। चीन इसे राज्य पुनः शिक्षा शिविर कहता है। 2016 के बाद से, उइगर जातीय समूहों के जबरन जन्म नियंत्रण और नसबंदी सहित चीन की क्रूर नीतियों का विवरण देते हुए कई रिपोर्टें सामने आई हैं।

पिछले कुछ दिनों में, कनाडा में तिब्बती समूहों के गठबंधन द्वारा चीन द्वारा पठार पर कब्जे को उजागर करने और अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) में मानवाधिकारों के उल्लंघन की निंदा करने के लिए पहले ही कई विरोध प्रदर्शन किए जा चुके हैं। भारत के धर्मशाला क्षेत्र जहां तिब्बतियों की एक बड़ी आबादी रहती है, में भी इसी तरह के विरोध प्रदर्शन हुए हैं।

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