अमेरिका ने पाकिस्तान के बढ़ते परमाणु हथियारों और मिसाइल क्षमता पर चिंता जताई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान के पास लगभग 170 परमाणु हथियार हैं और यह संख्या बढ़ती जा रही है।
नई दिल्ली। अमेरिका ने पाकिस्तान पर परमाणु हमला करने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइलों की क्षमता बढ़ाने का आरोप लगाते हुए उसके कई संगठनों पर प्रतिबंध लगाया है। चीन और आतंकी संगठनों से नजदीकी जैसी कई बाते हैं जिससे अमेरिका को पाकिस्तान के परमाणु हथियारों से डर है। अमेरिका नहीं चाहता कि पाकिस्तान के पास उसकी जमीन तक पहुंचने वाले मिसाइल हों।
बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के पास करीब 170 परमाणु हथियार हैं। यह तेजी से अपने परमाणु हथियारों की संख्या बढ़ा रहा है। 2025 तक इसके परमाणु बमों की संख्या करीब 200 हो जाएगी।
पाकिस्तान के मिराज III और मिराज V लड़ाकू विमान परमाणु बम गिराने की क्षमता रखते हैं। पाकिस्तान ने Ra’ad नाम का हवा से लॉन्च होने वाला क्रूज मिसाइल बनाया है। इससे परमाणु हमला किया जा सकता है। इस मिसाइल को JF-17 लड़ाकू विमान से दागा जा सकता है। पाकिस्तान जिन F-16 फाइटर जेट्स का इस्तेमाल कर रहा है उनसे परमाणु हमला किया जा सकता है या नहीं, यह साफ नहीं है।
पाकिस्तान के पास परमाणु हमला करने से सक्षम छह तरह की मिसाइलें हैं। इनके नाम अब्दाली (हत्फ-2), गजनवी (हत्फ-3), शाहीन-I/A (हत्फ-4), और नस्र (हत्फ-9), और गौरी (हत्फ-5) और शाहीन-II (हत्फ-6) हैं। दो अन्य परमाणु-सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम को विकसित किया जा रहा है। ये मध्यम दूरी की शाहीन-III और MIRVed अबाबील हैं। अब्दाली मिसाइल का रेंज 200 किलोमीटर है। गजनवी का रेंज 300 किलोमीटर, शाहीन-I/A का रेंज 750/900 किलोमीटर, शाहीन-II का रेंज 1500 किलोमीटर और शाहीन-III का रेंज 2750 किलोमीटर है।
पाकिस्तान के पास कम दूरी तक मार करने वाले परमाणु मिसाइल भी हैं। इसके सबसे विवादास्पद परमाणु मिसाइलों में से एक नस्र (हत्फ-9) है। यह छोटी दूरी की, ठोस-ईंधन मिसाइल है। इसका रेंज 70 किलोमीटर है। इसे भारत के अंदर रणनीतिक लक्ष्यों पर हमला करने के लिए नहीं बनाया गया है। इसका मकसद हमला होने की स्थिति में भारतीय सैनिकों पर अटैक करना है।
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