पाकिस्तान में इमरान खान (Imran Khan) 2018 में प्रधानमंत्री (Prime Minister) बने थे। उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद देश की आर्थिक स्थिति लगातार खराब हो रही है।
इस्लामाबाद। पाई-पाई के लिए तरस रहे पाकिस्तान (Pakistan) को आईएमएफ (IMF) से लोन के लिए भी परेशान होना पड़ रहा है। आईएमएफ ने छह अरब डॉलर की लोन देने के लिए इमरान सरकार (Imran Khan Government) से पांच शर्तों को पूरा करने को कहा है। इन शर्तों को पाकिस्तान पूरा करता है तो समीक्षा के बाद उसे लोन मिल सकेगा। हालांकि, पाकिस्तान के लिए इन शर्तों को पूरा करना एक टेढ़ी खीर है।
पाकिस्तान की स्थिति लगातार हो रही खराब
पाकिस्तान में इमरान खान (Imran Khan) 2018 में प्रधानमंत्री (Prime Minister) बने थे। उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद देश की आर्थिक स्थिति लगातार खराब हो रही है। आलम यह कि आर्थिक सुधारों के लिए इमरान अपने मंत्रीमंडल में चार बार वित्त मंत्री बदल चुके हैं। लेकिन इन सबके बावजूद पाकिस्तान दिवालिया होने की कगार पर है। कुछ खर्चों को पूरा करने के लिए बीते दिनों इमरान खान ने कई सरकारी आवासों को किराया पर भी उठाने का प्रस्ताव लाया था जिसे अमली जामा पहनाया गया है।
क्यों लोन नहीं दे रहा है आईएमएफ?
दरअसल, इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (International Monetary Fund) और पाकिस्तान सरकार के बीच काफी दिनों से छह अरब डॉलर के लोन की बात हो रही है। पाकिस्तान के वित्त मंत्री रह चुके और अभी प्रधानमंत्री इमरान के एडवाइजर शौकत तरीन इस मामले को डील कर रहे हैं। इसी सितंबर में शौकत तरीन वाशिंगटन में आईएमएफ टीम से मुलाकात की। करीब 11 दिनों तक वह वहां जमे रहे और करीब-करीब डील फाइनल होने की बात कही गई लेकिन लोन देने के लिए आईएमएफ ने पांच शर्तें रखी है।
पाकिस्तान सरकार के सामने पांच शर्तें
इन शर्तों को पूरा करने के बाद ही आईएमएफ लोन देने पर आगे बढ़ेगा। IMF ने पाकिस्तान सरकार के सामने पांच शर्तें रखी है उसमें पहली शर्त है बिजली और पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की कीमतों में इजाफा करना है। हालांकि, पाकिस्तान ने इस शर्त को पहले ही पूरा करते हुए बिजली और पेट्रोलियम की कीमतों में बढ़ोत्तरी कर दी है। इसके अलावा स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान संशोधन बिल लाना होगा। चौथी शर्त के रूप में टैक्स छूट को रद्द करना है तो पांचवीं शर्त है कि स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर दी जाए।
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