पाकिस्तान में विपक्ष ने सेना के खिलाफ खोला मोर्चा, नवाज और बिलावल ने कहा- जनरल बाजवा इमरान को सत्ता में लाए

पाकिस्तान में विपक्ष ने अब सेना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के युवा अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी, पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और मौलाना फजल-उर-रहमान एक साथ आकर प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्ता से हटाने में जुट गए हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 11, 2020 8:43 AM IST

इस्लामाबाद. पाकिस्तान में विपक्ष ने अब सेना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के युवा अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी, पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और मौलाना फजल-उर-रहमान एक साथ आकर प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्ता से हटाने में जुट गए हैं। इनके निशाने पर पाकिस्तानी सेना और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा भी हैं।  

इमरान खान पर प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही सेना की मदद से सत्ता तक पहुंचने का आरोप लग रहा है। बिलावट भुट्टो अपने भाषणों में इन आरोपों को खुलकर दोहराते नजर आते हैं। लेकिन अब नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन भी इसी रास्ते पर है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान में विपक्ष एकजुट होकर इमरान खान की सरकार गिराने के लिए कमर कस चुका है। 

11 पार्टियां आईं एक साथ
20 सितंबर को पाकिस्तान में 11 विपक्षी दलों ने एक गठबंधन बनाया। इस बैनर के नीचे सभी पार्टियां सरकार गिराने के लिए तीन चरणों में आंदोलन कर रही हैं। इसे पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) नाम दिया गया है। जनवरी 2021 में इस्लामाबाद तक मार्च निकाला जाएगा।

'फौज ने चुनाव में धांधली की'
नवाज शरीफ भ्रष्टाचार के मामले में जेल में बंद हैं। हालांकि, उन्हें कोर्ट से लंदन में इलाज कराने की अनुमति मिली है। हाल ही में उन्होंने लंदन से ही विपक्ष की संयुक्त रैली को संबोधित किया। उन्होंने आरोप लगाया है कि पिछले चुनाव में फौज ने धांधली की। इसी वजह से लोगों का भरोसा टूटा। उन्होंने कहा, इमरान से उतनी दिक्कत नहीं, जितनी फौज की गलत हरकतों से है। उसे राजनीति से दूर होना होगा। नवाज तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने, लेकिन उन्हें तीनों बार सेना की वजह से सत्ता से हटना पड़ा। 

बिलावल ने खोला मोर्चा
इससे पहले बिलावल भुट्टो ने सेना को खुली चेतावनी दी है कि वह सियासी मामलों से दूर रहे। उन्होंने धमकी दी थी कि अगर फौज सरकार का समर्थन करना बंद नहीं करती तो विधानसभाओं और संसद से सभी चुने हुए प्रतिनिधि इस्तीफा दे देंगे। बिलावल ने कहा, मुझे समझ नहीं आता कि पोलिंग बूथ के अंदर और बाहर फौजियों की तैनाती क्यों की गई। उन्होंने कहा,  गिलगित-बाल्तिस्तान को 5वां राज्य बनाने से उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन ये काम संसद की बजाए फौज क्यों कर रही है। 
 

Share this article
click me!