FATF ग्रे लिस्ट से बाहर हुआ पाकिस्तान, आतंकवाद और टेरर फंडिंग की वजह से चार साल से हिट लिस्ट में रहा

Published : Oct 21, 2022, 10:45 PM ISTUpdated : Oct 22, 2022, 01:06 AM IST
FATF ग्रे लिस्ट से बाहर हुआ पाकिस्तान, आतंकवाद और टेरर फंडिंग की वजह से चार साल से हिट लिस्ट में रहा

सार

पाकिस्तान का नाम FATF की ग्रे लिस्ट में जून 2018 में डाला गया था। भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान पर मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग और इन पर शिकंजा कसने के लिए कमजोर कानून बनाने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे।

Pakistan out from FATF grey list: फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी FATF की लिस्ट से पाकिस्तान को बाहर कर दिया गया है। पेरिस में हुई एफएटीएफ (Financial Action Task Force) की दो दिनी मीटिंग में यह निर्णय लिया गया है। एक दिन पहले ही पाकिस्तान के नए वित्त मंत्री इशाक डार ने दावा किया था कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बाहर किया जाएगा क्योंकि उन्होंने FATF की हर एक शर्त को पूरा किया है। आतंकवाद की फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग की निगरानी करने वाली संस्था ने चार साल बाद पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से हटाने का फैसला किया है। FATF ने कहा कि पाकिस्तान ने अपने एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग सेटअप को मजबूत किया है। साथ ही तकनीकी कमियों को दूर करते हुए टेरर फंडिंग से मुकाबला करने पर काम किया है।

चार साल पहले ग्रे लिस्ट में पाकिस्तान का नाम किया गया था शामिल

पाकिस्तान का नाम FATF की ग्रे लिस्ट में जून 2018 में डाला गया था। भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान पर मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग और इन पर शिकंजा कसने के लिए कमजोर कानून बनाने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे। उस समय FATF का कहना था कि पाकिस्तान की वजह से ग्लोबल फाइनेंशियल सिस्टम को खतरा हो सकता है। ग्रे लिस्ट में होने का मतलब था कि पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक (ADB) और यूरोपीय संघ से लोन या सहायता मिलना कठिन हो गया था।  

इन देशों को भी ग्रे लिस्ट से हटाया गया

पाकिस्तान के अलावा निकारागुआ को भी ग्रे लिस्ट से हटाया गया है। जबकि म्यांमार को भी अधिक गंभीर काली सूची में डाल दिया गया है। रूस को यूक्रेन युद्ध की वजह से अलग थलग कर दिया गया है।

FATF के 39 सदस्य देशों में भारत भी

FATF के 39 सदस्य देशों में भारत भी शामिल है। इस लिस्ट में यूके और यूएस भी शामिल है। भारत ने पाकिस्तान पर पहले ही आरोप लगाए हैं कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मामले को उठाए जाने के बावजूद पाकिस्तान ने आतंकवादियों को पनाह देना और अपने संगठनों को धन देना जारी रखा है।

क्या है FATF?

FATF का पूरा नाम फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स है। इसकी स्थापना जी7 देशों की पहल पर 1989 में की गई थी। वर्तमान में इस संगठन के 39 सदस्य हैं, जिनमें 37 फुल मेंबर जबकि 2 रीजनल ऑर्गनाइजेशन हैं। इसका मुख्यालय फ्रांस की राजधानी पेरिस में आर्थिक सहयोग विकास संगठन (OECD) के मुख्यालय में स्थित है। हर तीन साल में FATF की मीटिंग होती है। बता दें कि भारत 2010 में FATF का सदस्य बना। 

FATF का उद्देश्य?

इसका उद्देश्य मनी लॉड्रिंग के साथ ही आतंकवादी वित्तपोषण जैसे खतरों को रोकना है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली की अखंडता के लिए कानूनी और विनियामक उपायों को लागू करना है। FATF की सिफारिशों को पहली बार 1990 में लागू किया गया था। उसके बाद 1996, 2001, 2003 और 2012 में FATF की सिफारिशों को संशोधित किया गया। 

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