पाकिस्तान में सियासी घमासान : सुप्रीम कोर्ट में आज नहीं हो पाया फैसला, कल दोपहर 12 बजे फिर सुनवाई

पाकिस्तान में सियासी संकट के बीच मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। कोर्ट ने संसद भंग करने और अविश्वास प्रस्ताव खारिज करने के मामले पर स्वत: संज्ञान लिया है। विपक्ष ने भी याचिका लगाई है। इस मामले में आज सुनवाई हुई। मामले में कल फिर सुनवाई होगी। इस बीच इमरान ने देश वासियों को मोबाइल फोन पर संबोधित किया। 

Asianet News Hindi | Published : Apr 4, 2022 8:26 AM IST / Updated: Apr 04 2022, 04:19 PM IST

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में पैदा हुए सियासी संकट (Political crisis in Pakistan) के बीच सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संसद में जो कुछ भी हुआ उसकी समीक्षा जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम आज ही आदेश देंगे। सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। कोर्ट ने कहा कि नेशनल असेंबली भंग करने के फैसले की संवैधानिकता देखना जरूरी है। करीब दो घंटे से ज्यादा समय तक सुनवाई के बीच कोर्ट कोई फैसला नहीं सुना सका। अब कल दोपहर 12 बजे फिर इस मामले की सुनवाई होगी। इस बीच, इमरान ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ये अंपायर के जरिये मैच जीतना चाहते हैं। 

फुल बेंच की मांग पर पीपीपी को फटकार
सुनवाई के दौरान पीपीपी के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से फुल बेंच में सुनवाई की मांग की। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि बेंच से आपत्ति है तो हम चले जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फुल बेंच में सुनवाई से दूसरे मामले प्रभावित होते हैं। उसने पीपीपी के वकील को फटकार लगाते हुए कहा कि यहां राजनीतिक बातें नहीं करें। मामले की सुनवाई पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (CJP)उमर अता बंदियालउनकी, जस्टिस इजाजुल अहसन, जस्टिस मजहर आलम खान मियांखेल, जस्टिस मुनीब अख्तर और जस्टिस जमाल खान मंडोखाइल इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं। 

फवाद चौधरी बोले- कार्यवाहक प्रधाानमंत्री के लिए दो नाम भेजे
इस बीच, इमरान सरकार के मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने कहा कि पीटीआई ने कार्यवाहक प्रधानमंत्री पद के लिए राष्ट्रपति को दो नाम भेजे हैं। अगर संयुक्त विपक्ष ने 7 दिनों के भीतर नामों को अंतिम रूप नहीं दिया, तो पीटीआई द्वारा सुझाए गए नामों में से शीर्ष उम्मीदवार बन जाएगा। इनमें से एक नाम पूर्व जस्टिस अजमत सईद का है। सईद पनामा पेपर लीक मामले में पूर्व पीएम नवाज शरीफ को दोषी ठहराने वाली बेंच का हिस्सा थे।

इमरान ने विपक्ष पर किया हमला
इस बीच दोपहर में केयरटेकर प्रधानमंत्री इमरान खान ने जनता को संबोधित किया। विपक्ष पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि विपक्षी दल सालों से कह रहे थे कि इमरान खान की हुकूमत आवाम की वादों पर खरी नहीं उतरी, इसने मुल्म को तबाह कर दिया। इसलिए इमरान खान को इस्तीफा देना चाहिए। चुनाव लड़ना चाहिए। मैंने और मेरी टीम ने अब नेशनल असेंबली को भंग कर चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है। अब ये लोग (विपक्षी) सुप्रीम कोर्ट क्यों चले गए? उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी पार्टियां अपायर की मदद से मैच जीतना चाहती हैं। यानी सुप्रीम कोर्ट या अविश्वास प्रस्ताव के जरिये सत्ता पाना चाहती हैं। 

करोड़ों में खरीदे सांसद
इमरान ने आरोप लगाया कि विपक्ष सत्ता में आकर अपने खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार के मामले खत्म करना चाहता है।  उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष ने 20 - 25 करोड़ रुपयों (पाकिस्तानी रुपए) में सांसदों को खरीदा है, ताकि सत्ता में आकर अरबों रुपए विदेशों में जमा कर सकें।

स्पीकर ने खारिज कर दिया था अविश्वास प्रस्ताव 
इस सुनवाई पर पाकिस्तान के साथ ही पूरी दुनिया की नजर है। दरअसल, इस देश में ऐसा मौका पहली बार आया है, जब वहां की संसद में अविश्वस प्रस्ताव पेश हुआ लेकिन इस पर वोटिंग से पहले ही इसे खारिज कर दिया गया। डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने इसे धारा 5 के तहत 'असंवैधानिक' बताते हुए खारिज कर दिया था।  

विपक्ष ने इसके बाद से मोर्चा खोल रखा है और संसद पर कब्जा कर लिया है। बिगड़ते हालातों को देखते हुए पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया है। विपक्ष ने भी इस मामले में याचिका लगाई है। हालांकि, पाकिस्तान के संविधान विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान के डिप्टी स्पीकर का ये फैसला पूरी तरह से संविधान के विपरीत है। 
 
पाकिस्तान में तख्ता पलट का इतिहास रहा है लेकिन इस तरह से अविश्वास प्रस्ताव खारिज कर संसद भंग करने का यह पहला मामला है। बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में संसद भंग करने की कार्यवाही को अमान्य घोषित कर सकती है। यह भी हो सकता है कि स्पीकर के अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने वाला आदेश भी वापस हो सकता है और संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराई जाए।  पाकिस्तान के संवैधान विशेषज्ञों का कहना है कि प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा राष्ट्रपति को नेशनल असेंबली भंग करने की सलाह देने को पूरी तरह से असंवैधानिक है।   

विपक्ष का आरोप- घमंड में चूर इमरान ने संविधान तोड़ा  
विपक्षी नेता बिलावल भुट्‌टो का आरोप है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के साथ मिलकर स्पीकर ने संविधान को तोड़ा है। यह इमरान खान का घमंड है। उधर, शाहबाज शरीफ का कहना है कि इमरान ने असंवैधानिक काम किया है। शाहबाज ने इमरान पर संविधान की धज्जयां उड़ाने का आरोप लगाया है।

इस बीच पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान आज एक बार फिर देश की जनता को संबोधित करेंगे। दोपहर 3:30 बजे वे फोन कॉल के जरिये लोगों से बात करेंगे। 

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