Imran Khan controversial statement: भारत में RSS का ब्राह्मणवादी वर्चस्व अल्पसंख्यक समाज के लिए घातक

इमरान खान ने कहा कि इतिहास हमें बताता है कि जब आप लोगों को बाहर करते हैं तो आप (लोगों) को हाशिए पर रखते हैं और फिर आप उन्हें भी कट्टरपंथी बनाते हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 10, 2021 8:14 AM IST

इस्लामाबाद। प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) से अपना देश संभल नहीं रहा है और वह दूसरे राष्ट्रों को नसीहत देने में जुटे हुए हैं। भारत (India) के खिलाफ बयानबाजी करने में माहिर इमरान खान ने एक बार फिर यहां के आंतरिक मसले को उठाकर तंज कसा है। पाकिस्तान (Pakistan) के इस्लामाबाद कॉन्क्लेव 2021 में पीएम इमरान खान ने कहा कि आएसएस (RSS) की ब्राह्मणों पर आधारित जो विचारधारा (RSS Ideology) है, वह भारत के 50-60 करोड़ अल्पसंख्यकों को दोयम दर्जे का नागरिक मानती है। इमरान ने जम्मू-कश्मीर समस्या (Kashmir Issue) को दक्षिण एशिया की स्थिरता के लिए खतरा बताया है। 

ब्राह्मणों पर केंद्रित है आरएसएस की विचारधारा 

इमरान ने कहा कि हिंदुस्तान में जो हो रहा है वह सिर्फ हमारी बदकिस्मती नहीं है, खासतौर पर कश्मीर (Kashmir) की बदकिस्मती भी नहीं है, बल्कि यह हिंदुस्तान के लोगों की बड़ी बदकिस्मती है। एक इतना बड़ा मुल्क हो उसके अंदर कम से कम 50-60 करोड़ तो अल्पसंख्यक हैं। जो ये ब्राह्मण (Brahman)…ब्राह्मणों पर केंद्रित आरएसएस (RSS) की विचारधारा है वह 50-60 करोड़ लोगों को निकाल रही है। इमरान ने दावा किया कि कुछ सामाजिक वर्गों के हाशिए पर जाने से भारतीय समाज और अन्य पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।

मोदी को फोन किया, इसे मेरी कमजोरी समझा जा रहा

इमरान खान ने अपने भाषण में क्षेत्रीय स्थिति पर कहा कि पूरे दक्षिण एशिया को कश्मीर के मुद्दे ने बंधक बनाकर रखा हुआ है। मुझे बहुत अफसोस से कहना पड़ता है कि हमने भारत सरकार से संपर्क की पूरी कोशिश की, लेकिन कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली। हमने पीएम मोदी (PM Modi) को फोन भी किए, लेकिन हमें आहिस्ता-आहिस्ता अहसास हुआ कि इसे हमारी कमजोरी समझा जा रहा था।

भारत सरकार से नहीं आरएसएस से बात करना मुश्किल

पाकिस्तान के पीएम ने कहा- ‘दुर्भाग्य से हम एक सामान्य भारत सरकार के साथ नहीं, बल्कि आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) की विचारधारा के साथ बातचीत कर रहे थे। इस विचारधारा के साथ बातचीत करना बहुत मुश्किल है। उन्होंने आगे कहा कि जिसने भी आरएसएस की विचारधारा पढ़ ली है, उनके संस्थापक के बयानों को देख लें, तो ऐसे लोगों के साथ मुश्किल है कि वे हमारे साथ सही मायनों में बातचीत करते।’

हाशिए पर रखे गए लोग बनते हैं कट्टरपंथी

इमरान खान ने कहा कि इतिहास हमें बताता है कि जब आप लोगों को बाहर करते हैं तो आप (लोगों) को हाशिए पर रखते हैं और फिर आप उन्हें भी कट्टरपंथी बनाते हैं। इमरान ने कहा कि उनके विचार में, सैन्य साधनों और युद्धों के माध्यम से हल की गई समस्याएं गलत अनुमान के अधीन थीं। जो लोग युद्ध के माध्यम से समस्याओं को हल करने का निर्णय लेते हैं, उनमें दो लक्षण होते हैं: वे इतिहास से नहीं सीखते हैं और उन्हें अपने हथियारों पर गर्व होता है।

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