Pakistani Passport Visa Ranking: पाकिस्तानी पासपोर्ट हुआ बेदम, नीचे से चौथे पायदान पर आया

वैश्विक नागरिकता और निवास सलाहकार कंपनी हेनले एंड पार्टनर्स के तैयार किए डेटा के आधार पर आर्थिक और राजनीतिक बदहाली का सामना कर रहे पाकिस्तान को पासपोर्ट रैंकिग में 100वीं रैंकिंग मिली है।

Anshika Tiwari | Published : Jul 20, 2023 7:41 AM IST

इस्लामाबाद. हिंदुस्तान के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की बदहाली किसी से छिपी नहीं है। आर्थिक और राजनीतिक हालत तो पहले से ही खराब थे कि अब दुनियाभर के अधिकांश देशों में भी पाकिस्तान की कोई इज्जत नहीं है। इसका अंदाज पाकिस्तानी पासपोर्ट को ताजा मिली रैकिंग से लगाया जा सकता है। दुनिया के 227 देशों की पासपोर्ट रैंकिंग में पाकिस्तान 100वें पायदान पर है। जबकि भारत ने 80वां स्थान हासिल किया है। पासपोर्ट रैकिंग में पाकिस्तान को दुनिया का चौथा सबसे कमजोर पासपोर्ट बताया गया है। बता दें, वैश्विक नागरिकता और निवास सलाहकार कंपनी हेनले एंड पार्टनर्स के तैयार किए  गए डेटा के आधार पर ये रैंकिंग दुनियाभर के देशों को दी गई है।

लगातार कमजोर हो रहा पाकिस्तानी पासपोर्ट

हेनले एंड पार्टनर्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल की शुरुआत में 220 मिलियन से ज्यादा आबादी वाले देशों को लंदन स्थित सलाहकार फर्मद्वारा सबसे कम रैंकिंग पाने वाले पांच देशों के पासपोर्ट को सूचीबद्ध किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, इस साल जनवरी तक पाकिस्तानी नागरिकों को ऑन-अराइवल वीजा सर्विस केवल 35 देशों तक मिलती थी जो अब घटकर 33 हो गई है। पाकिस्तान के अलावा अफगानिस्तान को 27 देशों, इराक को 29 देशों और सीरिया को 30 देशों में ऑन-अरावइल का वीजा उपलब्ध है।

सिंगापुर ने जापान को दी मात

इस रिपोर्ट में पांच सालों से लगातार पहले नंबर पर कब्जा जमाने वाले जापान को सिंगापुर ने मात देते हुए दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित पासपोर्ट वाली रैंकिंग में पहला स्थान हासिल किया है। सिंगापुरवासी दुनियाभर में टोटल 227 देशों में से कम से कम 193 देशों की वीजा फ्री यात्रा कर सकते हैं। इसके साथ ही साउथ कोरिया, ऑस्ट्रिया, फिनलैंड, फ्रांस, स्वीडन और लक्जमबर्ग हैं, जिनके नागरिक बिना पूर्व वीजा के 189 देशों की यात्रा कर सकते हैं।

अमेरिका की रैंकिंग में आई गिरावट 

हेनले एंड पार्टनर्स की ओर से प्रकाशित रैंकिंग के अनुसार, शीर्ष नंबर पर पांच साल रहने के बाद जापान तीसरे स्थान पर आ गया है, क्योंकि वीजा के बिना उसके पासपोर्ट तक पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है। करीब एक दशक पहले रैंकिंग में शीर्ष स्थान पर रहने वाला अमेरिका दो पायदान फिसलकर आठवें स्थान पर आ गया है। उधर ब्रेक्सिट के कारण मंदी के बाद ब्रिटेन दो पायदान की छलांग लगाकर चौथे स्थान पर आ पहुंचा है।

 

 

 

Share this article
click me!