
नई दिल्ली। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) की "S1" यूनिट का भारत के खिलाफ आतंकवाद फैलाने में बड़ा हाथ है। आतंकवादी एक्सपोर्ट करने वाली यह यूनिट 1993 के मुंबई बम धमाकों से लेकर हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में सैलानियों पर हुए आतंकी हमले तक के लिए जिम्मेदार है। सूत्रों के मुताबिक, ये यूनिट इतनी सीक्रेट है कि कई आतंकवादी संगठनों तक को यह पता ही नहीं है कि उनके ट्रेनर्स S1 से हैं।
खुफिया सूत्रों के मुताबिक, S1 का मतलब "सबवर्जन 1" है। यह यूनिट पाकिस्तान की तरफ से सीमा पार आतंकवाद की ताकतों के पीछे सबसे बड़ा हाथ है। पाकिस्तानी सेना का एक कर्नल S1 का प्रमुख है, जबकि दो अन्य रैंकिंग ऑफिसर सक्रिय अभियानों की देखरेख करते हैं। इन दोनों अधिकारियों के कोड नेम 'गाजी 1' और 'गाजी 2' हैं।
सूत्रों के मुताबिक, S1 का मुख्यालय इस्लामाबाद में है और इसकी अधिकांश आतंकी गतिविधियों का वित्तपोषण नशीली दवाओं के पैसों से होता है। एस1 के कर्मचारी और ट्रेनर सभी तरह के बम और विस्फोटक उपकरण बनाने में एक्सपर्ट हैं और विभिन्न प्रकार के छोटे हथियारों को चलाने में भी माहिर हैं। माना जाता है कि इस यूनिट के पास भारत के ज्यादातर स्थानों के विस्तृत नक्शे मौजूद हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, एस1 पिछले 25 सालों से एक्टिव है। हालांकि, भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने हाल ही में इसकी पूरी गतिविधियों का खुलासा किया है। एस1, जिसे विशेष रूप से भारत में आतंकी हमले करने का काम सौंपा गया है, पाकिस्तान में सक्रिय सभी आतंकी समूहों से जुड़ा हुआ है। एस1 के सदस्यों को जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी समूहों के ट्रेनिंग कैम्प्स में देखा गया है। वे लंबी दाढ़ी रखने के साथ ही स्थानीय और पारंपरिक कपड़े पहनकर शिविरों में घुलने-मिलने की कोशिश करते हैं। सूत्रों के मुताबिक, यह यूनिट इतनी सीक्रेट है कि कई आतंकी समूहों को पता ही नहीं चलता कि उनके प्रशिक्षक एस1 से हैं। इस यूनिट ने पिछले दो दशकों में हजारों आतंकवादियों को प्रशिक्षित किया है।
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