
काबुल। अफगानिस्तान के करीब होने की होड़ में चीन और पाकिस्तान प्रवक्ता बने हुए हैं। अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को मान्यता के लिए पाकिस्तान लगातार दुनिया के अन्य देशों से अपील कर रहा है। इमरान सरकार लगातार देशों को मनाने में लगी हुई है। पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद यूसुफ ने कहा है कि अफगानिस्तान को मान्यता देने में दुनिया को 'वेट एंट वॉच' की पॉलिसी नहीं अपनानी चाहिए। युसुफ ने कहा कि देरी होने पर यहां की अर्थव्यवस्था तो ध्वस्त होगी ही आतंकवाद बेकाबू हो सकता है।
दरअसल, अफगानिस्तान में तालिबान ने 15 अगस्त को अधिकारिक रूप से काबुल में प्रवेश के साथ ही पूर्ण नियंत्रण का ऐलान किया। बीते दिनों ने तालिबान ने अंतरिम सरकार भी गठित कर दिया।
हालांकि, तालिबान के अफगानिस्तान पर पूर्ण नियंत्रण के बावजूद अभी तक दुनिया के देश इसको मान्यता देने से हिचक रहे हैं। कई प्रमुख देशों ने तो साफ तौर पर मान्यता से इनकार कर दिया है लेकिन अधिकतर अभी वेट एंड वॉच पालिसी अपनाए हुए हैं।
पश्चिमी देशों का कहना है कि वह तालिबान सरकार की मानवाधिकार और महिलाओं के प्रति रवैये को देखने के बाद ही फैसला लेंगे।
लेकिन चीन और पाकिस्तान पूरी तरह से तालिबान के साथ
दुनिया के देशों की वेट एंड वॉच पालिसी के खिलाफ चीन और पाकिस्तान लगातार तालिबान सरकार का करीबी होने की होड़ में लगे हुए हैं। बीते दिनों चीन ने अरबों रुपयों के डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स का ऐलान किया साथ ही लाखों मिलियन डॉलर की मदद की भी घोषणा की है।
उधर, पाकिस्तान के आईएसआई प्रमुख तालिबान सरकार की लगातार मदद और सलाह के लिए मौजूद हैं। वह पंजशीर में तालिबान को रणनीतिक मदद कर रहे हैं तो दुनिया में पाकिस्तान अफगानिस्तान के तालिबानियों का प्रवक्ता बना हुआ है।
अफगानिस्तान को अकेला छोड़ने पर आंतकवाद होगा बेकाबू
पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद यूसुफ ने कहा कि दुनिया के देश वेट एंड वॉच पालिसी से नुकसान कर रहे हैं। कहा, ''इंतजार करो और देखो का मतलब होगा बर्बादी।''
युसुफ ने कहा कि 1990 के दशक में भी यही गलती की गई थी। पश्चिमी नेताओं ने अपनी गलती को माना और इसे ना दोहराने की बात कही थी। यूसुफ ने कहा कि दुनिया के हित में यही है कि वे तालिबान से अपनी चिंता को लेकर खद बात करें, जिसमें आतंकवाद, मानवाधिकार और समावेशी सरकार या अन्य मुद्दे शामिल हैं।
यूसुफ ने कहा कि अफगानिस्तान को अकेला छोड़ देने पर यह भी आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बन सकता है। उन्होंने कहा कि यदि इसका त्याग कर दिया जाता है तो सुरक्षा को लेकर खालीपन पैदा होगा। आप पहले ही जानते हैं कि इस्लामिक स्टेट पहले से वहां मौजूद है, पाकिस्तानी तालिबान भी है। अलकायदा है। हम सुरक्षा खालीपन का जोखिम क्यों ले?
यह भी पढ़ें:
USA, UK, Japan समेत 18 देशों के डेली वैक्सीनेशन से अधिक अपने देश में रोज लग रही वैक्सीन
भारत को दहलाने की थी साजिश, 6 राज्यों के 15 शहरों में त्योहारों पर सीरियल ब्लास्ट करने वाले थे आतंकी
अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।