सस्ता तेल मांगने रूस के पास गया था पाकिस्तान, पुतिन ने ये कहते हुए बैरंग लौटाया

पाकिस्तान (Pakistan) सस्ता तेल खरीदने के लिए रूस गया था, लेकिन रूस ने उसे बैरंग लौटा दिया है। रूस ने पाकिस्तान से साफ कह दिया कि सारे तेल के लिए पहले ही सौदा हो चुका है और उसके पास पहले से जो कमिटमेंट है, वो उन्हें पूरा करेगा।

Cruide Oil Discount to Pakistan: पाकिस्तान (Pakistan) सस्ता तेल खरीदने के लिए रूस गया था, लेकिन रूस ने उसे बैरंग लौटा दिया है। रूस ने पाकिस्तान से साफ कह दिया कि सारे तेल के लिए पहले ही सौदा हो चुका है और उसके पास पहले से जो कमिटमेंट है, वो उन्हें पूरा करेगा। दरअसल, पाकिस्तान कच्चे तेल पर रूस से 40% डिस्काउंट चाहता था। लेकिन रूस ने ये कहते हुए पाकिस्तान को साफ मना कर दिया कि वो इसमय कोई छूट नहीं दे सकता, क्योंकि सारे तेल के लिए पहले ही कमिटमेंट हो चुका है। 

पाकिस्तान की मांग को रूस ने सिरे से नकारा : 
पाकिस्तान के ही अखबार 'द न्यूज' की खबर के मुताबिक, पाकिस्तानी अफसरों का एक डेलिगेशन कच्चे तेल (Crude Oil) में छूट की मांग लेकर रूस गया था। पाकिस्तान ने रूसी अधिकारियों के साथ बातचीत में कच्चे तेल पर 30-40% छूट की मांग की थी। इस मांग को रूस ने सिरे से नकार दिया। पाकिस्तान के डेलिगेशन में पेट्रोलियम राज्य मंत्री मुसादिक मलिक, मास्को में पाकिस्तानी दूतावास के संयुक्त सचिव, पेट्रोलियम सचिव मोहम्मद महमूद और अन्य अफसर शामिल थे। हालांकि, रूस द्वारा कच्चे तेल पर छूट देने से मना करने के बाद ये बातचीत बेनतीजा ही खत्म हो गई। 

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जिस रेट पर दूसरे देश लेते हैं, उसी पर मिलेगा : 
रूस ने बातचीत के दौरान पाकिस्तान को दो टूक कह दिया कि वो जिस रेट पर दूसरे देशों को तेल बेचता है, उसी कीमत पर पाकिस्तान को भी मिलेगा। बता दें कि इससे पहले पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने कहा था कि पाकिस्तान जल्द ही रूस से सस्ता क्रूड ऑयल खरीद सकता है। रूस से  क्रूड ऑयल खरीदने पर अमेरिका को किसी भी तरह की आपत्ति नहीं है।  

पहले गैस पाइपलाइन का वादा पूरा करे पाकिस्तान : 
रूस ने पाकिस्तान से साफ कह दिया कि पहले वो स्ट्रीम गैस पाइपलाइन (PSGP) के अपने वादे को पूरा करे। बता दें कि ये स्ट्रीम गैस पाइपलाइन कराची से लाहौर तक बिछाई जानी है। बता दें कि इससे पहले फरवरी, 2022 में फरवरी में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान रूस गए थे और उन्होंने भी पुतिन से पाकिस्तान को सस्ता तेल देने की मांग की थी। तब भी पुतिन ने इसे खारिज कर दिया था।

भारत की तरह कच्चे तेल पर डिस्काउंट चाहता था पाकिस्तान : 
बता दें कि पाकिस्तान ने पुतिन सरकार से भारत की तरह कच्चे तेल पर डिस्काउंट की मांग की थी, लेकिन रूस ने इससे साफ इनकार कर दिया। रूस ने साफ कह दिया कि उसके सप्लाई स्लॉट पहले से ही बुक हैं और वो भारत जैसे बड़े खरीदार को नाराज नहीं कर सकता। 

कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा प्रोड्यूसर है रूस : 
अमेरिका और सऊदी अरब के बाद रूस दुनिया में कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। यहां से रोजाना करीब 50 लाख बैरल क्रूड ऑयल का निर्यात किया जाता है। निर्यात का 50% से ज्यादा हिस्सा यूरोप को सप्लाई होता है। अमेरिका 16.5 मिलियन बैरल, जबकि सऊदी अरब 11 मिलियन बैरल तेल रोजाना बनाते हैं।  

विदेशों से 80% तेल आयात करता है भारत : 
भारत अपनी जरूरत का 80% तेल आयात (Import) करता है। इसमें 60% तेल खाड़ी देशों से, जबकि रूस से सिर्फ 2% ही लेता है। इसके अलावा अमेरिका और अन्य देशों से भी आयात करता है। भारत पहले रूस से रोजाना 66 हजार बैरल कच्चा तेल लेता था, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 2 लाख 77 हजार बैरल कर दिया। बता दें कि तेल खपत के मामले में अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है।

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