
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ) पार्टी के प्रमुख इमरान खान (Imran Khan) पाकिस्तान की सरकार के खिलाफ विरोध मार्च निकाल रहे हैं। विरोध मार्च के छठे दिन इमरान ने कहा कि पाकिस्तान के लोगों को अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना होगा। गुलाम बनने से बेहतर मरना है।
पंजाब के गुजरांवाला में इमरान ने कहा कि एक सौदे के तहत गठबंधन की सरकार बनाई गई है। सरकार में शामिल सभी दल अपने भ्रष्टाचार के मामलों को निपटाने के लिए एक साथ आए हैं। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अपने बड़े भाई पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ चल रहे मामलों को निपटाने में लगे हैं। इसके चलते नवाज पाकिस्तान लौटने की तैयारी कर रहे हैं। पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी भी अपने खिलाफ चल रहे मामलों को खत्म करने में लगे हैं।
इमरान ने कहा कि भ्रष्ट लोग पार्टियां चला रहे हैं। उन्हें रोकने का कोई इंतजाम नहीं है। सिर्फ छोटे लोगों को भ्रष्टाचार के मामले में पकड़ा जाता है। बड़े अपराधी बच निकलते हैं। अपराधी नेता बन रहे हैं। मौजूदा प्रधानमंत्री 16 अरब रुपए के भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी ठहराए जाने के करीब थे, लेकिन डील कर उन्हें बचा लिया गया और पीएम बना दिया गया।
गुलाम बनने से मरना बेहतर
शहबाज के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की जांच कर रहे अधिकारियों की मौत पर इमरान ने सवाल उठाया और कहा कि सभी अधिकारी एक के बाद एक मारे गए। किसी ने नहीं पूछा कि उनकी अचानक मौत कैसे हो गई। लोगों को अपने अधिकारों के लिए खड़े होना होगा, नहीं तो उन्हें कभी न्याय नहीं मिलेगा। इमरान ने कहा, "मुझे यहां कहना होगा कि न्याय केवल मानव समाज में दिया जाता है। आप सभी को मेरा साथ देना होगा। मैं आप सभी से कहता हूं कि गुलाम बनने से मरना बेहतर है।"
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नियंत्रण में नहीं था NAB
इमरान ने कहा कि जब वह प्रधानमंत्री थे तब भ्रष्टाचार विरोधी संस्था राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) उनके नियंत्रण में नहीं थी। इमरान ने कहा, "हम कुछ नहीं कर सके। NAB मेरे हाथ में नहीं था। जो NAB को कंट्रोल कर रहे थे, उन्होंने इन बदमाशों को बचाया।"
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