चीन को चैन से सोने न देगा ये ड्रोन, बाइडेन से बात कर पीएम मोदी ने पक्की की डील

Published : Sep 22, 2024, 08:23 AM ISTUpdated : Sep 22, 2024, 02:19 PM IST
MQ 9B Drone

सार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच हुई बातचीत के दौरान ड्रोन सौदे को अंतिम रूप दिया गया है। भारत अमेरिका से 31 MQ-9B ड्रोन खरीदेगा। इससे निगरानी क्षमता बढ़ेगी।

वाशिंगटन। अमेरिका की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi US Visit) ने राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की है। इस दौरान दोनों नेताओं ने अरबों डॉलर के ड्रोन सौदे पर बात की और इसे अंतिम रूप दिया। निगरानी और खुफिया जानकारी जुटाने में यह ड्रोन इतना माहिर है कि चीन को चैन की नींद सोने नहीं देगा।

भारत अमेरिका से 31 MQ-9B स्काई गार्जियन (MQ 9B Sky Guardian) और सी गार्जियन (Sea Guardian) ड्रोन खरीदने जा रहा है। इसपर करीब 3.99 बिलियन डॉलर (33,310 करोड़ रुपए से अधिक) खर्च होंगे। ये ड्रोन भारत की सेनाओं की निगरानी की क्षमता बढ़ाएंगे। चीन से लगी सीमा पर इन ड्रोन की मदद से लगातार निगरानी होगी। इससे चीन की साजिशें नाकाम करने में मदद मिलेगी।

ड्रोन सौदे को लेकर एक साल से भी ज्यादा समय से भारत और अमेरिका के बीच बातचीत हो रही है। पिछले साल जून में रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका से हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों और लेजर-गाइडेड बमों से लैस MQ-9B स्काई गार्जियन और सी गार्जियन आर्म्ड ड्रोन की खरीद को मंजूरी दी थी।

क्यों खास हैं MQ-9B स्काई गार्डियन और सी गार्डियन ड्रोन

MQ-9B अधिक ऊंचाई पर उड़ने वाला ड्रोन है। इसका मुख्य काम निगरानी करना है। जरूरत पड़ने पर इससे हवाई हमला भी किया जा सकता है। इसे रिमोट से कंट्रोल किया जाता है। इस ड्रोन को अमेरिकी कंपनी जनरल एटॉमिक्स ने बनाया है। यह लगातार खुफिया जानकारी, निगरानी और टोही के लिए जाना जाता है। यह ड्रोन लगातार 40 घंटे तक उड़ सकता है। यह दिन हो या रात हर वक्त काम करता है।

जमीन से लेकर समुद्र तक इन कामों को कर सकता है MQ-9B ड्रोन

  • प्राकृतिक आपदा या बड़ा हादसा होने पर यह मानवीय मदद दे सकता है। यह प्रभावित इलाके की लगातार निगरानी कर सकता है।
  •  तलाश और बचाव अभियान में इस ड्रोन का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  •  समुद्री इलाके की निगरानी।
  •  यह ड्रोन समुद्र की सतह पर मौजूद जहाज या पानी के नीचे छिपी सबमरीन पर भी हमला कर सकता है।
  •  बारूदी सुरंगों का पता लगा सकता है।
  •  हवाई निगरानी करते हुए दुश्मन के जहाज के बारे में बता सकता है।
  •  यह ड्रोन इलेक्ट्रानिक युद्ध लड़ने की क्षमता से लैस है।
  •  लंबी दूरी तक निगरानी और जासूसी कर सकता है।
  •  यह लंबी दूरी तक हथियारों को उसके टारगेट तक पहुंचाने में मदद करता है।

भारत की तीनों सेनाओं को मिलेंगे ये ड्रोन

जनरल एटॉमिक्स से खरीदे जाने वाले 31 ड्रोन भारत की तीनों सेनाओं (थल सेना, वायु सेना और नौसेना) को मिलेंगे। 15 MQ-9B ड्रोन इंडियन नेवी को मिलेंगे। इससे नौसेना की हिंद महासागर क्षेत्र में निगरानी की क्षमता बढ़ेगी। 8 ड्रोन भारतीय सेना को मिलेंगे। इनका इस्तेमाल चीन और पाकिस्तान से लगी सीमा की निगरानी में होगा। 8 ड्रोन इंडियन एयरफोर्स को मिलेंगे।

यह भी पढ़ें- Quad Summit: 'तनावों-संघर्षों से घिरा है विश्व', PM मोदी ने कहीं ये 5 खास बातें

PREV

अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Read more Articles on

Recommended Stories

एक और अफ्रीकी देश में तख्तापलट, सैनिकों के ग्रुप ने टीवी पर लाइव आकर किया ऐलान
जेल में बंद Imran Khan क्यों बने Pakistan की टेंशन का कारण?