कभी PM मोदी के खिलाफ उगला था जहर, अब इजरायल के खिलाफ रच रहे साजिश, अरबपति सोरोस अमेरिका में भड़का रहे आग

जॉर्ज सोरोस की कई संस्था इजरायली विरोधी प्रदर्शन में फंडिंग करके यूनिवर्सिटी कैंपस में अशांति को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं। बीते हफ्ते कोलंबिया यूनिवर्सिटी में शुरू हुए विरोध प्रदर्शन के बाद पूरे देश में फैल चुका है।

sourav kumar | Published : Apr 28, 2024 4:06 AM IST / Updated: Apr 28 2024, 10:13 AM IST

इजरायल विरोधी प्रदर्शन। इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध के दौरान दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका में इजरायल विरोधी प्रदर्शन अपने चरम सीमा पर है, जहां हजारों की संख्या में अलग-अलग यूनिवर्सिटी के लोग इजरायल का हमास के खिलाफ युद्ध जारी रखने का विरोध कर रहे है। इससे जुड़ा एक बहुत बड़ा सच निकलकर सामने आया है। 

न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल के खिलाफ आग लगाने का काम अरबपति जॉर्ज सोरोस और उनके कट्टर वामपंथी समर्थक कर रहे हैं। अरबपति जॉर्ज सोरोस वहीं व्यक्ति है, जिन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जहर उगला था और उन्हें विरोधी माना जाता है। एक साल पहले फरवरी 2023 में उन्होंने भारतीय बिजनेसमैन गौतम अडानी को लेकर भी जहर उगला था।

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जॉर्ज सोरोस की कई संस्था इजरायली विरोधी प्रदर्शन में फंडिंग करके यूनिवर्सिटी कैंपस में अशांति को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं। बीते हफ्ते कोलंबिया यूनिवर्सिटी में शुरू हुए विरोध प्रदर्शन के बाद पूरे देश में फैल चुका है। इसको लेकर यूनिवर्सिटी से कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है, जिसमें कई भारतीय छात्र भी शामिल है। 

हार्वर्ड, येल, बर्कले, ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी और जॉर्जिया में एमोरी समेत कई विश्व विख्यात यूनिवर्सिटी में छात्र टेंट लगाए गए हैं। उन्हें स्टूडेंट्स फॉर जस्टिस इन फिलिस्तीन (SJP) और यूएस कैंपेन फॉर फिलिस्तीनी राइट्स (USCPR) द्वारा स्थापित किया गया है।

अमेरिका में प्रदर्शनकारियों को मिल रहे पैसे

न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका के तीन कॉलेजों में स्टूडेंट्स फॉर जस्टिस इन फिलिस्तीन (SJP) और यूएस कैंपेन फॉर फिलिस्तीनी राइट्स (USCPR) विरोध प्रदर्शनों को भड़काने के पीछे शामिल है। इन लोगों की मदद से प्रदर्शनकारियों को पैसे दिए जा  रहे हैं, जिसमें अलग-अलग श्रेणी के लोगों को पैसे दिए जा रहे हैं। हरी प्रदर्शनकारियों को 7800 डॉलर कैंपस के अंदर 2880 से 3660 डॉलर दिए जा रहे हैं। बदले में उन्हें एक हफ्ते में 8 घंटे तक आंदोलन को हिस्सा बनना है। इसके अलावा प्रदर्शनकारियों को खाने में चिप्स, चिकन और पिज्जा जैसी चीजें उपलब्ध कराई जा रही है।

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