NATO से दो-दो हाथ करने को तैयार है रूस, देश की रक्षा के लिए पुतिन ने शुरू की इस लेवल की तैयारी

रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 7 महीने से चल रही जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। इसी बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने नाटो देशों की धमकियों के बाद रूस में 3 लाख रिजर्व सैनिकों को तैनात करने का आदेश दे दिया है। 

Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 7 महीने से चल रही जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। इसी बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस में 3 लाख रिजर्व सैनिकों को तैनात करने का आदेश दे दिया है। इससे पहले पुतिन ने कहा था कि नाटो देशों के कुछ बड़े नेता रूस के खिलाफ एटमी हथियार इस्तेमाल करने की धमकियां दे रहे हैं। अगर नाटो परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को लेकर हमें ब्लैकमेल करने की कोशिश करेंगे तो हम भी अपनी पूरी ताकत से जवाब देंगे। अपने देश की रक्षा के लिए हम किसी भी हद तक जा सकते हैं। 

पुतिन ने सरेआम दी नाटो देशों को धमकी : 
पुतिन ने खुलेआम नाटो देशों को धमकी दी है। रूसी राष्ट्रपति ने कहा-जो लोग रूस को लेकर न्यूक्लियर ब्लैकमेल करना चाहते हैं, हम उन्हें याद दिलाना चाहते हैं कि हमारे पास विनाश के विभिन्न साधन हैं, जो नाटो देशों से कहीं ज्यादा आधुनिक और खतरनाक हैं। अगर बात हमारे देश की एकता और अखंडता तक पहुंची तो हम उसकी रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। 

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जो सशस्त्र बलों में काम कर चुके उनकी तैनाती : 
पुतिन ने कहा कि उन्होंने 3 लाख रिजर्व सैनिकों की तैनाती वाले आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं और यह प्रक्रिया बुधवार से शुरू हो गई है। हम केवल आंशिक तैनाती की बात कर रहे हैं। ऐसे नागरिक जो रिजर्व में हैं उनकी अनिवार्य तैनाती की जाएगी। जो सशस्त्र बलों में सेवाएं दे चुके हैं और जिनके पास अनुभव और दक्षता है, उनकी तैनाती की जाएगी। 

यूक्रेन के 4 हिस्सों को अपने में मिलाना चाहता है रूस : 
बता दें कि पुतिन ने सेना को इकट्ठा करने का ऐलान ऐसे वक्त पर किया है, जब रूस यूक्रेन के चार हिस्सों को अपने में मिलाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए रूस शुक्रवार से इन इलाकों में जनमत संग्रह भी शुरू कराने जा रहा है। इन इलाकों में रहने वाले लोग 23 से 27 सितंबर के बीच अपना वोट डालेंगे। दूसरी ओर, यूक्रेन और उसके साथी देशों ने इस जनमत संग्रह को अवैध बताया है। 

इन इलाकों के लिए होगा जनमत संग्रह :
रूस जिन इलाकों के लिए जनमत संग्रह करवाने जा रहा है, उनमें डोनेट्स्क, लुहांस्क, खेरसॉन और जपोरिजिया शामिल हैं। इन इलाके में रूसी नागरिकों की संख्या काफी ज्यादा है। अगर रूस इन इलाकों पर कब्जा कर लेता है तो यूक्रेन के लिए आर्थिक हालात बद से बदतर हो सकते हैं। 

कब से शुरू हुई रूस-यूक्रेन की जंग?
रूस ने यूक्रेन पर 24 फरवरी को पहली बार आक्रमण किया था। तब से अब तक यूक्रेन के साथ युद्ध में रूस के 5,937 जवान मारे गए हैं। वहीं पश्चिम का अनुमान है कि मास्को के दावे के विपरीत उसके कहीं ज्यादा सैनिक युद्ध में मारे जा चुके हैं।

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