कतर की कोर्ट ने स्वीकार की 8 पूर्व नौसेना कर्मियों को मौत की सजा के खिलाफ भारत की अपील

Published : Nov 24, 2023, 10:53 AM ISTUpdated : Nov 24, 2023, 11:05 AM IST
jail

सार

आठ पूर्व नौसेना कर्मियों को मिली फांसी की सजा के खिलाफ भारत की अपील को कतर की कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। इसपर जल्द सुनवाई होगी।

दोहा। कतर की एक कोर्ट ने गुरुवार को भारत की उस अपील को स्वीकार कर लिया जिसमें आठ पूर्व नौसेना कर्मियों को मिली फांसी की सजा को चुनौती दी गई थी। पिछले महीने पूर्व नौसेना कर्मियों को फांसी की सजा सुनाई गई थी।

कोर्ट ने कहा कि वे अपील का अध्ययन कर रहे हैं। जल्द ही इस मामले में सुनवाई होगी। एक साल से अधिक समय पहले भारत के आठ पूर्व नौसेना कर्मियों को कतर ने हिरासत में लिया था। अक्टूबर में एक कोर्ट ने आठों को फांसी की सजा सुनाई थी।

विदेश मंत्रालय ने कहा पूर्व नौसेना कर्मियों को दे रहे सहायता

विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि कतर की कोर्ट द्वारा सुनाया गया फैसला गोपनीय है। कोर्ट के फैसले को हमारी कानूनी टीम के साथ शेयर किया गया है। हमने सभी कानूनी विकल्पों पर विचार करते हुए अपील दायर की है। हम कतरी अधिकारियों के संपर्क में हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत इस मामले में कतरी अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहा है। सरकार पूर्व नौसेना कर्मियों को सभी कानूनी और दूतावास संबंधी सहायता दे रही है।

30 अगस्त 2022 को हिरासत में लिए गए थे आठ पूर्व नौसेना अधिकारी 

30 अगस्त 2022 को कतर ने आठ पूर्व नौसेना अधिकारियों को हिरासत में ले लिया था। इनपर जासूसी के आरोप लगाए गए थे। ये पूर्व नौसेना अधिकारी कतर की एक कंपनी के लिए काम कर रहे थे। वे कतर के नौसैनिकों को ट्रेनिंग दे रहे थे। कतर को संदेह था कि ये इजरायल के लिए काम कर रहे जासूस हैं। इसके बाद से पूर्व अधिकारियों कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और नाविक रागेश को कतर कतर की जेल में रखा गया है।

यह भी पढ़ें- Israel Hamas War: 4 दिन का संघर्षविराम आज से शुरू, 13 बंधकों को रिहा करेगा हमास

नौसेना के पूर्व अधिकारियों की जमानत याचिकाएं कतरी अधिकारियों द्वारा कई बार खारिज कर दी गईं। इस साल अक्टूबर में कतर की प्रथम दृष्टया अदालत ने इन्हें मौत की सजा दी थी।

यह भी पढ़ें- Video: पाकिस्तान की युवा पीढ़ी विज्ञान नहीं जिहाद को बना रही मकसद, देखिए स्कूली शिक्षा में कैसे बोया जा रहा है जिहाद का जहर...

PREV

अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

रूसी राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा से खुश क्यों है अमेरिका और चीन? जानें सबसे बड़ी वजह
तालिबान की क्रूर सज़ा: 80,000 की भीड़ के सामने 13 साल के लड़के ने दी सजा-ए-मौत, लेकिन क्यों?