रूसी सेना में जबरिया भर्ती किए गए भारतीयों की कब होगी घर वापसी? रशियन प्रभारी रोमन बाबुश्किन ने दी जानकारी

Published : Jul 11, 2024, 03:47 PM ISTUpdated : Jul 12, 2024, 12:42 AM IST
Russian Army

सार

मोदी-पुतिन के बीच मुलाकात के बाद रूस के विदेश मंत्रालय के प्रभारी रोमन बाबुश्किन ने कहा कि हम भारतीयों को कभी अपनी सेना में भर्ती नहीं करना चाहते थे। भारतीय युवाओं की भर्ती पूरी तरह से एक कमर्शियल मामला था।

Indians release from Russian Army: भारत से धोखे से विदेश भेजे गए युवाओं को रूसी सेना में जबरिया भर्ती किए जाने का मामला लगभग साल्व हो चुका है। प्रधानमंत्री मोदी ने रूस यात्रा के दौरान प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन के सामने यह मुद्दा उठाते हुए भारतीयों के वापसी का रास्ता सुनिश्चित करने की मांग की थी। पुतिन ने जल्द भारत वापसी का विश्वास दिलाया था। मोदी-पुतिन के बीच मुलाकात के बाद रूस के विदेश मंत्रालय के प्रभारी रोमन बाबुश्किन ने कहा कि हम भारतीयों को कभी अपनी सेना में भर्ती नहीं करना चाहते थे। भारतीय युवाओं की भर्ती पूरी तरह से एक कमर्शियल मामला था। मास्को कभी नहीं चाहता था कि भारतीय उसकी सेना का हिस्सा बनें। यूक्रेन युद्ध के दौरान उनकी संख्या नगण्य है। हम इस मुद्दे पर पूरी तरह से भारत के साथ हैं और जल्द ही यह मामला सुलझ भी जाएगा।

भारतीय पैसा कमाना चाहते थे इसलिए रूसी सेना में भर्ती हुए

रोमन बाबुश्किन ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि मास्को कभी नहीं चाहता था कि भारतीय उसकी सेना का हिस्सा बनें। हम इस मुद्दे पर भारत सरकार के साथ हैं। हमें उम्मीद है कि यह मुद्दा जल्द ही सुलझ जाएगा। बाबुश्किन ने कहा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। हम बिल्कुल स्पष्ट हैं, हम कभी नहीं चाहते थे कि भारतीय रूसी सेना का हिस्सा बनें। आप रूसी अधिकारियों द्वारा इस बारे में कोई घोषणा कभी नहीं देखेंगे।

रूसी राजनयिक ने कहा कि अधिकांश भारतीयों को एक वाणिज्यिक ढांचे के तहत भर्ती किया गया था क्योंकि वे पैसा कमाना चाहते थे। युद्ध में भाग लेने वाले भारतीयों की संख्या बेहद कम है। यह संख्या 50, 60 या 100 लोगों की हो सकती है जो कोई महत्व नहीं रखती। उन्होंने कहा कि वे विशुद्ध रूप से वाणिज्यिक कारणों से वहां हैं और हम उन्हें भर्ती नहीं करना चाहते थे। बाबुश्किन ने कहा कि सहायक कर्मचारियों के रूप में भर्ती किए गए अधिकांश भारतीय अवैध रूप से काम कर रहे हैं क्योंकि उनके पास काम करने के लिए उचित वीजा नहीं है। अधिकतर पर्यटक वीजा पर रूस आए थे।

यह भी पढ़ें:

पीएम मोदी-प्रेसिडेंट पुतिन के बीच शिखर वार्ता: भारत के किसानों को उर्वरक संकट नहीं होने देने पर रूस को दिया धन्यवाद

PREV

अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

ट्रंप का कोर-फाइव प्लान: भारत को सुपरक्लब में शामिल करने की तैयारी-सच क्या है?
RBI का बड़ा बदलाव: UAE में रहने वाले NRI को बैंक अकाउंट के नियमों में बड़ी राहत-जानें पूरी अपडेट