रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध (Russia Ukraine War) में सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। यह लड़ाई ओर कितने लोगों की जान लेगी, कोई नहीं जानता। लेकिन इसी बीच यूक्रेन के बंकरों में(underground shelter) में नन्हें यूक्रेनी जन्म ले रहे हैं। बता दें कि इस युद्ध को 3 मार्च को 8वां दिन है।
वर्ल्ड न्यूज डेस्क. रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध (Russia Ukraine War) में सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। यह लड़ाई ओर कितने लोगों की जान लेगी, कोई नहीं जानता। लेकिन इसी बीच यूक्रेन के बंकरों में(underground shelter) में नन्हें यूक्रेनी जन्म ले रहे हैं। बता दें कि इस युद्ध को 3 मार्च को 8वां दिन है। इस भीषण युद्ध में अब तक 2000 से अधिक लोगों की मौत की खबर है। रूस के हमले में तहखाने में छुपे लोग भी अब नहीं बच पा रहे हैं। ऐसे ही एक धमाके में कई मासूमों की जान चली गई।
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Russia Ukraine War: बंकर में जन्मा नन्हा यूक्रेनी
यह तस्वीर 32 वर्षीय विक्टोरिया(Viktoria) की है, जिन्होंने युद्ध के दूसरे दिन कीव अस्पताल(Kyiv hospital) के तहखाने में बनाए गए प्रसूति वार्ड(maternity ward) में बच्चे को जन्म दिया। चारों तरफ बम के धमाकों और गोलियों की आवाजें सुनकर डरी-सहमीं विक्टोरिया ने जैसे ही अपने बच्चे को चेहरा देखा; उनके चेहरे पर खुशी तैरने लगी। विक्टोरिया ने मीडिया से कहा कि जब वो अपने घर पर थीं, तब विस्फोटों की आवाजें सुनकर वो बहुत घबराई हुई थीं। वे और उनके पति की अस्पताल जाने की हिम्मत नहीं हो रही थी। वे लगातार अपने बेटे का चेहरा देखने की प्रार्थना किए जा रही थीं। जब उन्हें पेट में दर्द उठा, तब भी उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था कि वे युद्ध के बीच बच्चे को जन्म देने जा रही हैं।
किसी फिल्म की तरह डरावना था
विक्टोरिया ने बताया कि हिम्मत करके वो अस्पताल के लिए निकलीं। पहले गैस के लिए करीब 30 मिनट लाइन में लगना पड़ा। जब वो कीव से होकर निकले, तो देखा सड़कें सूनी थीं। ऐसा उन्होंने पहले कभी नहीं देखा था। हर तरफ से सायरन गूंज रहे थे। लेकिन वे खुद को पॉजिटिव रखने की कोशिश करती रहीं। अस्पताल पहुंचे, तो डॉक्टर ने बम शेल्टर( bomb shelter) जाने की सलाह दी, ताकि हम सुरक्षित रहें। जब हम बंकर में बने प्रसूति वार्ड पहुंची, तो देखा कि वहां कोई चिकित्सा सुविधा नहीं थी। एक कमरे में 50 लोग मौजूद थे। बस एक प्रसूता के लिए कुर्सी थी। मैं जल्द वहां से निकलकर किसी अस्पताल जाना चाहती थी। मुझे डर लग रहा था, लेकिन डॉक्टरों पर भरोसा भी था। मेरे दिमाग में एक ही बात थी कि अपने बेटे को पकड़कर अपना दर्द भूल जाऊंगी।
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बेटे फेडर को देखकर सबकुछ भूल गई
विक्टोरिया ने अपने बेटे का नाम फेडर रखा है। विक्टोरिया ने कहा कि फेडर को देखकर बहुत खुशी हुई। काले बालों के साथ वो अपने पिता की कॉपी लगता है। मैं सुबह जल्दी उठती हूं। उसे सोते हुए देखती हूं। वो नन्ही परी सा लगता है। मैं खिड़की से झांककर देखती हूं कि इमारतें बची हैं या बर्बाद हो गईं। वह एक नन्हा यूक्रेनी है। उसे यूक्रेन में ही बड़ा होना चाहिए। मुझे उम्मीद है और प्रार्थना करती हूं कि शांति हो।
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9000 रूसी सैनिकों की मौत
इसी बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की(Volodymyr Zelensky) ने बुधवार शाम एक वीडियो संबोधन में दावा किया कि युद्ध में एक सप्ताह में लगभग 9,000 रूसी सैनिक मारे गए हैं। बता दें कि बता दें कि 24 फरवरी को भारतीय समयानुसार सुबह 8.30 बजे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन(Russian President Vladimir Putin) ने यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई का ऐलान किया था। इसके बाद रूस की सेना ने यूक्रेन पर हवाई हमले शुरू कर दिए। इन हमलों बाद यूक्रेन की राजधानी कीव(Kyiv) के अलावा खार्किव, मारियुपोल और ओडेसा(Kharkiv, Mariupol and Odessa) में बर्बादी के मंजर दिखाई देने लगे हैं।
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