पोलैंड में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत इलाके में शांति चाहता है। यह युद्ध का समय नहीं है। मोदी पोलैंड के बाद यूक्रेन जाएंगे।
वारसॉ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को पोलैंड (Narendra Modi Poland Visit) पहुंचे। उन्होंने वारसॉ में प्रवासी भारतीय समुदाय को संबोधित किया। इस दौरान पीएम ने रूस और यूक्रेन के बीच हो रही लड़ाई (Russia Ukraine War) की ओर इशारा करते हुए कहा कि ये युद्ध का समय नहीं है। भारत इलाके में शांति का पैरोकार है। बता दें कि नरेंद्र मोदी पोलैंड के बाद यूक्रेन जाएंगे।
नरेंद्र मोदी के भाषण की खास बातें
"ये नजारा वाकई अद्भुत है। आपका ये उत्साह भी अद्भुत है। मैंने जब से यहां पैर रखा है आप थकते ही नहीं हैं। आप सभी पोलैंड के अलग-अलग हिस्सों से आए हैं। सबकी अलग-अलग भाषाएं-बोलियां और खानपान हैं, लेकिन आप सभी भारतीयता के भाव से जुड़े हुए हैं।"
“आज 45 साल बाद भारत का पीएम पोलैंड आया है। कई काम मेरे ही भाग्य में है। पहले की सरकार की नीति थी सबके साथ दूरी बनाकर चलो। आज की सरकार सबके साथ नजदीकी बनाकर चलती है। आज का भारत सबसे जुड़ना चाहता है। आज का भारत सबके विकास की बात करता है। आज का भारत सबके साथ है, सबके हित की सोचता है। हमें गर्व है कि आज दुनिया भारत को विश्वबंधु के रूप में सम्मान दे रही है।”
“हमारे जाम साहब को आज भी पोलैंड में हर कोई गुड किंग के नाम से जानता है। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जब पोलैंड मुश्किलों से घिरा हुआ था। हजारों महिलाएं और बच्चे शरण के लिए भटक रहे थे। उस समय जामसाहब दिग्विजय सिंह रंजीत सिंह जाडेजा आगे आए थे।”
"भारत जाम साहेब मेमोरियल यूथ एक्शन प्रोग्राम शुरू करने जा रहा है। इसके तहत भारत पोलैंड के 20 युवाओं को हर साल भारत आने के लिए आमंत्रित करेगा। इससे भारत के बारे में पोलैंड के युवाओं को और ज्यादा जानने का मौका मिलेगा।"
"सहानुभूति भारतीयों की पहचान में से एक है। दुनिया के किसी देश में संकट आए भारत पहला देश होता है जो मदद के लिए हाथ बढ़ाता है। कोविड 100 साल की सबसे बड़ी आपदा आई तो भारत ने कहा मानवता पहले। हमने दुनिया के 150 से ज्यादा देशों को दवाएं और टीका भेजी। दुनिया में कहीं भी भूकंप आता है, कोई प्राकृतिक आपदा आती है भारत का एक ही मंत्र है मानवता पहले। कहीं युद्ध हो तो भारत कहता है मानवता पहले। इसी भाव से भारत दुनियाभर के नागरिकों की मदद करता है। भारत हमेशा फर्स्ट रिस्पॉन्डर के रूप में सामने आता है।"
“भारत बुद्ध की विरासत वाली धरती है। जब बुद्ध की बात आती है तो जो युद्ध नहीं शांति पर विश्वास करती है। इसलिए भारत इस क्षेत्र में भी स्थाई शांति का एक बड़ा पैरोकार है। भारत का मत एकदम साफ है। ये युद्ध का युग नहीं है। ये उन चुनौतियों से निपटने के लिए एकजुट होने का समय है, जिनसे मानवता को सबसे बड़े खतरे हैं।”
भारत लोकतंत्र की जननी होने के साथ ही पार्टिसिपेटिव और वाइब्रेंट डेमोक्रेसी भी है। भारत के लोगों का लोकतंत्र पर अटूट भरोसा है। भारत का विजडम ग्लोबल है, विजन ग्लोबल है। हमारे पूर्वजों ने हमें वसुधैव कुटुंबकम का मंत्र दिया है। हम पूरी दुनिया को एक परिवार मानते हैं।"
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