यूक्रेन पर हमले की कीमत चुका रही रूसी जनता, खाने का सामान 40% तक महंगा, 2 हफ्ते में दोगुने बढ़े दूध के दाम

24 फरवरी 2022 को रूस ने यूक्रेन पर हमले शुरू किए, जिसके बाद से ये हमले थमे नहीं हैं। कई चरण की वार्ता के बाद भी युद्ध जारी है। लेकिन इस युद्ध का जितना खामियाजा यूक्रेन उठा रहा है, रूस भी वैसे ही नुकसान उठा रहा है। यहां के लोग महंगाई की मार झेल रहे हैं। रूसी मुद्रा रूबल लगातार गिर रही है। 

मॉस्काे। यूक्रेन पर हमले की (Russai ukraine war) कीमत रूस के लोग झेल रहे हैं। रूसी करंसी रूबल गिरते हुए डॉलर के मुकाबले 112 पर आ गई है। ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम स्विफ्ट (Swift) से बाहर होने का असर है कि महंगाई चरम पर है। खाने-पीने के सामान तक की कीमतें 40 फीसदी से अधिक बढ़ी हैं। पिछले दो हफ्तों में दूध के दामों में दोगुने तक की वृद्धि हुई है। मेडिकल, ऑटोमोबाइल, टेलीकॉम, इलेक्ट्रिकल प्रोडक्ट्स और एग्रीकल्चर सेक्टर में भी सभी चीजों के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। युद्ध शुरू होने के पहले दिन से रूसी जनता इसक विरोध कर रही है। अब यह चरम पर है। लोगों का कहना है कि हमारी जिंदगी की कीमत पर यूक्रेन को हथियाने की कोशिश बहुत ही खतरनाक संकेत दे रही है।    

30 फीसदी तक गिर गया रूबल
अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन द्वारा पिछले महीने लगाई गई आर्थिक पाबंदियों की वजह से रूसी मुद्रा रूबल 30% तक गिर गया है। यही वजह है कि यहां खाने से लेकर हर सामान महंगा हो रहा है। रोजमर्रा की जरूरतों का सामान महंगा होने की वजह से लोगों में पुतिन सरकार के प्रति नाराजगी बढ़ती जा रही है। बताया जा रहा है कि देश में दूध की कीमतों में दोगुना तक का इजाफा हुआ है। यह वृद्धि महज दो हफ्तों में हुई है। कई मॉल और दुकानों में खरीदारी पर पाबंदी लग चुकी है। 
 
17 फीसदी बढ़ी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की महंगाई 
रूस के इलेक्ट्रॉनिक मार्केट की हालत भी खस्ता है। यहां इलेक्ट्रॉनिक आयटम्स की कीमतें भी 17% तक बढ़ी हैं। दुनिया भर में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की सबसे बड़ी संस्था SWIFT से बाहर किए जाने के बाद रूस की अर्थव्यवस्था बदहाल हो गई है। रूसी रूबल डॉलर के मुकाबले 112 पर पहुंच गया है। लैपटॉप और मोबाइल फोन की कीमतों में भी 10 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।  

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59 कंपनियां छोड़ चुकीं कारोबार
कैश की कमी के चलते रूस के रिजर्व बैंक ने 7.65 लाख रुपए से ज्यादा की निकासी पर रोक लगा दी है। एटीएम के बाहर लंबी लाइनें हैं। इस देश में युद्ध शुरू होने के बाद से एप्पल, फॉक्सवैगन, माइक्रोसॉफ्ट, टोयोटा, मैकडॉनल्ड्स, गूगल पे, सेमसंग पे जैसी 59 से अधिक नामचीन कंपनियों ने कारोबार बंद कर दिया है।

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बुचा का नरसंहार और बढ़ा सकता है प्रतिबंध
बुचा में यूक्रेनियंस का नरसंहार रूस पर और आर्थिक प्रतिबंध बढ़ा सकता है। यूक्रेन की पुलिस और जांच दल को कीव और उसके आसपास बर्बाद हुए कस्बों की खामोश सड़कें की नजर आ रही हैं। जांच दल इन सबूतों को इकट्‌ठे कर रहे हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) ने रूसी सैनिकों और राजनेताओं पर युद्ध अपराध का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है। जेलेंस्की की दावा है कि रूसी सेना दक्षिण में एक बार फिर एकत्र होकर हमले की फिराक में है।  

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