यूक्रेन ने रूसी मिसाइल क्रूजर मोस्कवा को नष्ट किया या बैलेंस बिगड़ने से लगी आग और काला सागर में डूबा, राज खुला

यूक्रेन-रूस युद्ध में हजारों करोड़ रुपये के उपकरण व हथियार-मिसाइल्स नष्ट हो चुके हैं। रूस के विदेश मंत्रालय ने दावा किया है कि उसका मिसाइल क्रूजर मोस्कवा काला सागर में क्षतिग्रस्त होने के बाद डूब गया है। 

Dheerendra Gopal | Published : Apr 15, 2022 12:00 AM IST / Updated: Apr 15 2022, 05:31 AM IST

मास्को। रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine war) में हजारों करोड़ों के हथियार-मिसाइल्स खप गए। रूसी मिसाइल क्रूजर मोस्कवा (Moskva sinks in Black sea) यूक्रेन में सैन्य अभियान के दौरान क्षतिग्रस्त होने के बाद काला सागर में डूब गया है। रूसी विदेश मंत्रालय ने गुरुवार की देर रात में बताया कि मिसाइल क्रूजर मोस्कवा यूक्रेन में सैन्य अभियान के दौरान क्षतिग्रस्त होने के बाद काला सागर में डूब गया है।

क्या हुआ असल में?

राज्य समाचार एजेंसी TASS ने मंत्रालय के हवाले से कहा, रूसी पोत ने अपना संतुलन खो दिया। इसी दौरान गोला-बारूद में विस्फोट के बाद आग लग गई। मंत्रालय ने पहले कहा था कि आग पर काबू पा लिया गया है और जहाज बचा रह सकता है। उसने कहा था कि वह आग लगने के कारणों की जांच करेगी।

रूसी जहाज के लोगों को भी बचाया गया

रूसी पोत मोस्कवा के डूबने के पहले चालक दल के सदस्यों को किसी अन्य जहाज पर ट्रांसफर कर दिया गया। रूस मंत्रालय ने यह भी कहा था कि चालक दल के सैकड़ों सदस्यों को काला सागर में अन्य जहाजों में ले जाया गया है। जबकि यूक्रेन ने कहा कि जहाज रॉकेट हमले में मारा गया है। ओडेसा के सैन्य प्रवक्ता सर्गेई ब्रैचुक ने कहा कि मॉस्को को नेप्च्यून घरेलू क्रूज मिसाइलों से क्षतिग्रस्त किया गया था, जो कि क्षेत्रीय गवर्नर द्वारा बड़े पैमाने पर गूँजती थी।

मास्को-कीव के बीच शांतिवार्ता विफल

दरअसल, बीते दिनों मॉस्को-कीव में युद्ध विराम किए जाने पर बातचीत हुई थी। इस बातचीत के यूक्रेन में रूस ने हमला करने से बचने की बात कही थी। रूस युद्ध विराम की बात करती थी कि इसके पहले संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने बुचा शहर व मारियुपोल में रूसी सैनिकों के अमानवीय व्यवहार का मुद्दा उठाया। बुचा नरसंहार के अलावा मारियुपोल शहर में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल का आरोप भी लग गया। इन सभी आरोपों से गुस्साए रूस ने एक बार फिर यूक्रेन पर हमले तेज करने की शुरूआत की है।

यह भी पढ़ें:

World War II के चार नाजी कैंपों से जीवित बचे 96 साल के बुजुर्ग की रूसी हमले में मौत, फ्लैट में मारे गए बोरिस

125 वर्षीय स्वामी शिवानंद की विनम्रता के कायल हुए पीएम मोदी-राष्ट्रपति भी, जानिए क्यों तोड़ना पड़ा दोनों को प्रोटोकॉल

Read more Articles on
Share this article
click me!