संयुक्त राष्ट्र में वैश्विक संगठनों के नेताओं से मिले सद्गुरु, मृदा बचाओ आंदोलन को मिली मान्यता

सद्गुरु ने संयुक्त राष्ट्र में वैश्विक संगठनों के नेताओं के साथ बैठक की और उन्हें मृदा बचाओ आंदोलन के बारे में जानकारी दी। बैठक में इस आंदोलन को स्पष्ट मान्यता मिली।

जेनेवा। अध्यात्मिक गुरु और पर्यावरणविद सद्गुरु (Sadhguru) धरती बचाने का अभियान चला रहे हैं। वह 100 दिन की बाइक यात्रा पर हैं। इस दौरान वह 27 देशों में जाएंगे और 30 हजार किलोमीटर दूरी तय करेंगे। 21 मार्च को उन्होंने लंदन से अपनी यात्रा शुरू की थी। 

इसी क्रम में सद्गुरु स्विटजरलैंड के जेनेवा शहर में स्थित संयुक्त राष्ट्र के ऑफिस में पहुंचे। उन्होंने विश्व आर्थिक मंच के साथ बैठक की। सद्गुरु ने यूएनओजी, डब्ल्यूएचओ और आईयूसीएन सहित वैश्विक संगठनों के नेताओं के एक पैनल के बीच मिट्टी बचाओ आंदोलन के बारे में बात की। बैठक में इस आंदोलन को स्पष्ट मान्यता मिली। वैश्विक संगठनों के नेताओं ने धरती बचाने की इस पहल की सराहना की। 

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दरअसल, संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन टू कॉम्बैट डेजर्टिफिकेशन (UNCCD) के अनुसार पृथ्वी की 90% से अधिक मिट्टी 2050 तक खराब हो सकती है। इसके चलते दुनिया भर में भोजन और पानी की कमी, सूखा और अकाल, प्रतिकूल जलवायु परिवर्तन, बड़े पैमाने पर पलायन और विनाशकारी संकट पैदा हो सकते हैं। प्रजातियां विलुप्त हो सकती हैं। 'मिट्टी का विलुप्त होना' इस समय मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है। हमारा ग्रह तेजी से मिट्टी के क्षरण के कारण भोजन उगाने की क्षमता खो रहा है। सद्गुरु इसे रोकने के लिए मृदा बचाओ आंदोलन चला रहे हैं।

3.5 बिलियन लोगों तक पहुंचना है लक्ष्य 
मृदा बचाओ आंदोलन की मदद से देशों में नागरिक समर्थन को सक्रिय और प्रदर्शित करने की कोशिश की जा रही है। यह सरकारों को मिट्टी को पुनर्जीवित करने और आगे गिरावट को रोकने के लिए नीति-संचालित कार्रवाई शुरू करने के लिए सशक्त बनाता है। इसे सक्षम करने के लिए आंदोलन का लक्ष्य 3.5 बिलियन लोगों और दुनिया के 60% मतदाताओं तक पहुंचना है।

यह भी पढ़ें- सद्गुरु ने धरती बचाने के लिए लंदन से शुरू की 100 दिनों की बाइक यात्रा, करेंगे 30 हजार किलोमीटर का सफर

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