
SCO Meeting 2025: चीन के तियानजिन (Tianjin) शहर में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) ने जम्मू-कश्मीर के 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम (Pahalgam) में हुए आतंकी हमले का मुद्दा मजबूती से उठाया।
जयशंकर ने कहा कि इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई और यह हमला जानबूझकर जम्मू-कश्मीर की पर्यटन अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचाने और धार्मिक विभाजन फैलाने के उद्देश्य से किया गया था।
जयशंकर ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC), जिसमें SCO के कुछ सदस्य भी शामिल हैं, ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की थी और दोषियों, योजनाकारों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को न्याय के कटघरे में लाने की ज़रूरत पर बल दिया था।
एस.जयशंकर ने SCO को उसकी स्थापना के मूल उद्देश्यों की याद दिलाते हुए कहा कि SCO की स्थापना आतंकवाद (Terrorism), अलगाववाद (Separatism) और कट्टरता (Extremism) जैसे तीन बुराइयों से लड़ने के लिए हुई थी और ये तीनों अक्सर एक साथ दिखाई देते हैं। उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि SCO को अगर अपनी मूल भावना के प्रति सच्चा रहना है तो उसे आतंकवाद पर बिलकुल भी समझौता नहीं करना चाहिए।
जयशंकर ने कहा कि मौजूदा वैश्विक परिदृश्य अस्थिरता, संघर्ष, प्रतिस्पर्धा और आर्थिक असंतुलन से भरा हुआ है। ऐसे में क्षेत्रीय सहयोग (Regional Cooperation) और आपसी विश्वास (Mutual Trust) की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है। आज का विश्व एक बहुध्रुवीय व्यवस्था (Multipolar World Order) की ओर बढ़ रहा है और SCO जैसी समूहों की भूमिका इसमें निर्णायक होगी।
विदेश मंत्री जयशंकर ने इस मंच से यह भी कहा कि अगर हम विश्व मामलों को प्रभावित करने में सार्थक भूमिका निभाना चाहते हैं तो हमें एक साझा एजेंडा पर साथ आना होगा। हमारी क्षमता इस बात पर निर्भर करती है कि हम कितनी मजबूती से एकजुट होकर काम करते हैं और सभी को साथ लेकर चलते हैं।
इस बैठक के दौरान एस जयशंकर ने यह साफ किया कि आतंकवाद अब सिर्फ एक देश या क्षेत्र की चुनौती नहीं बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए खतरा है। उन्होंने परोक्ष रूप से पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे देशों का जिक्र करते हुए कहा कि SCO जैसे मंच को उन सदस्य देशों पर नज़र रखनी चाहिए जो आतंक को संरक्षण या समर्थन देते हैं।
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