
SCO Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चीन की यात्रा करेंगे। इस दौरान वह SCO (शंघाई सहयोग संगठन) शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। इस कार्यक्रम पर पूरी दुनिया की नजर होगी। इसमें रूस, चीन और भारत के शीर्ष नेता एक साथ आएंगे। आइए जानते हैं एससीओ क्या है, इसका क्या उद्देश्य है और कौन से देश इसके सदस्य हैं।
SCO एक स्थायी अंतर-सरकारी अंतरराष्ट्रीय संगठन है। यह पूरे यूरेशिया में राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा सहयोग पर केंद्रित है। इसकी स्थापना 15 जून 2001 को शंघाई में चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान ने की थी। पहले इन देशों के संगठन का नाम "शंघाई फाइव" था। एससीओ भूगोल और जनसंख्या के आधार पर दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्रीय संगठन है। यह विश्व की लगभग 42% आबादी और यूरेशिया के एक महत्वपूर्ण हिस्से को कवर करता है।
1. चीन- संस्थापक सदस्यों में से एक है। एससीओ के भीतर आर्थिक और सुरक्षा पहलों के लिए एक प्रेरक शक्ति के रूप में काम करता है। बीजिंग में एससीओ सचिवालय का मुख्यालय है। यह आर्थिक एकीकरण (जैसे बेल्ट एंड रोड पहल) और क्षेत्रीय संपर्क का समर्थक है।
2. रूस- संस्थापक सदस्य है। यह चीन के साथ अग्रणी भूमिका में है। सुरक्षा और सैन्य सहयोग, तथा आतंकवाद से निपटने पर ध्यान केंद्रित करता है। पश्चिमी नेतृत्व वाले मंचों के विकल्प के रूप में बहुध्रुवीयता को बढ़ावा देता है।
3. भारत- 2017 में SCO में शामिल हुआ था। दक्षिण एशिया का प्रतिनिधित्व करता है। गैर-पारंपरिक सुरक्षा, संपर्क, व्यापार और लोगों के बीच संबंधों पर ध्यान केंद्रित।
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4. पाकिस्तान- 2017 में भारत के साथ शामिल हुआ था। मध्य और दक्षिण एशिया को जोड़ने वाली परियोजनाओं का समर्थन करता है।
5. कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान: संगठन के संस्थापक सदस्य हैं। ये क्षेत्रीय स्थिरता, सीमा सुरक्षा, आर्थिक विकास और पारगमन संपर्क को प्राथमिकता देते हैं।
6. ईरान- जुलाई 2023 में सदस्य बना। ऊर्जा, सुरक्षा और बुनियादी ढांचे के संबंध में योगदान देता है। आतंकवाद-विरोधी और पश्चिमी प्रभाव से क्षेत्रीय स्वतंत्रता का समर्थन करता है।
7. बेलारूस- जुलाई 2024 में शामिल हुआ, जिससे एससीओ की पहुंच पूर्वी यूरोप तक बढ़ गई। आर्थिक एकीकरण और सुरक्षा संबंधों पर ध्यान देता है।
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