
न्यूयॉर्क। इजरायल हमास युद्ध का आज 19वां दिन है। फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमला किया था। इसके जवाब में इजरायल ने जंग का ऐलान किया। हमास के हमले में इजरायल में 1400 लोग मारे गए। वहीं, इजरायल द्वारा किए जा रहे हमले में गाजा में 5800 लोगों की मौत हुई है।
इजरायल और हमास के बीच चल रही लड़ाई के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में "फिलिस्तीनी प्रश्न सहित मध्य पूर्व की स्थिति" पर खुली बहस आयोजित की गई। इसमें संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि आर. रवींद्र ने अपनी बात रखी।
भारत बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को लेकर चिंतित
रवींद्र ने बुधवार को कहा कि भारत ने फिलिस्तीन के लोगों के लिए 32 टन राहत सामग्री भेजा है। इसमें दवाएं, महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरण और भोजन शामिल हैं। भारत मध्य पूर्व में सुरक्षा की बिगड़ती स्थिति को लेकर बहुत चिंतित है। लड़ाई के चलते नागरिकों को बड़ा नुकसान हो रहा है। बढ़ता मानवीय संकट चिंताजनक है।
रवींद्र ने कहा कि हम सभी पक्षों से शांति के लिए आवश्यक स्थितियां बनाने और सीधी बातचीत फिर से शुरू करने की दिशा में काम करने का आग्रह करते हैं। तनाव कम करने और हिंसा रोकने को लेकर बातचीत की जानी चाहिए।
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इजरायल के साथ एकजुटता से खड़ा है भारत
रवींद्र ने कहा कि 7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए आतंकी हमले चौंकाने वाले थे। भारत इसकी निंदा करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजरायल में जानमाल के नुकसान पर संवेदना व्यक्त करने वाले पहले वैश्विक नेताओं में से एक थे। जब संकट की घड़ी में वे इन आतंक का सामना कर रहे थे, तब हम इजरायल के साथ एकजुटता से खड़े थे। उन्होंने कहा, "हमने गाजा के अस्पताल में लोगों की मौत पर भी गहरा दुख व्यक्त किया है। पीएम मोदी ने कहा था कि हमले में शामिल लोगों को "जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
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