उजबेकिस्तान के समरकंद में संघाई शिखर सम्मेलन आयोजित है। शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ में चीन, रूस, भारत, पाकिस्तान और चार मध्य एशियाई देशों - कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान शामिल हैं।
समरकंद। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अमेरिका की बेचैनी एक बार फिर बढ़ा दी है। शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन (Shanghai Cooperation Organisation Summit) में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के बाद चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि वह मास्को के साथ मिलकर महान शक्तियों के रूप में काम करने को तैयार है। दुनिया के दोनों शक्तिशाली देशों के नेताओं की यह मुलाकात एक बार फिर ग्लोबल पॉवर्स की खींचतान को बढ़ा सकता है। उधर, शंघाई सहयोग शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देर रात को उजबेकिस्तान की धरती पर लैंड किया। प्रधानमंत्री कल यहां समिट में शिरकत करने के अलावा कई अन्य कार्यक्रमों में भाग लेंगे। पीएम मोदी की शुक्रवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात तय है। दोनों राष्ट्राध्यक्ष, द्विपक्षीय वार्ता में एक दूसरे के संबंधों को और प्रगाढ़ करने के साथ सुरक्षा व सहयोग के मसलों पर बातचीत कर सकते हैं।
क्या कहा शी जिनपिंग ने?
शंघाई सहयोग संगठन के नेताओं के शिखर सम्मेलन के दौरान शी जिनपिंग ने पुतिन से कहा कि चीन महान शक्तियों की भूमिका निभाने के लिए रूस के साथ हर मोर्चे पर साथ खड़ा होने के तैयार है। वह वर्तमान सामाजिक उथल-पुथल से प्रभावित दुनिया में स्थिरता और सकारात्मकता लाने के लिए एक मार्गदर्शक की भूमिका निभाने के लिए तैयार है। शी ने कहा कि हम कोविड-19 महामारी के प्रभाव पर काबू पाने की ओर हैं। कई बार दोनों देशों ने फोन पर बातचीत कर जो तय किया, उसे प्रभावी ढंग से लागू किया। दोनों देश एक दूसरे के साथ हर समय साथ खड़े रहे हैं।
क्या है शंघाई सहयोग संगठन?
उजबेकिस्तान के समरकंद में संघाई शिखर सम्मेलन आयोजित है। शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ में चीन, रूस, भारत, पाकिस्तान और चार मध्य एशियाई देशों - कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान शामिल हैं।
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